टीएमबीयू में प्रतिनियुक्त एमयू क्षेत्र के शिक्षक व कर्मचारियों के तबादले पर काम शुरू
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एक साथ नहीं, बारी-बारी से होगा ट्रांसफर
टीएमबीयू में प्रतिनियुक्त एमयू क्षेत्र के शिक्षक व कर्मचारियों के तबादले पर काम शुरू भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त मुंगेर विश्वविद्यालय क्षेत्र के शिक्षकों व कर्मचारियों का ट्रांसफर एक साथ नहीं किया जायेगा. उन्हें उनके मूल स्थान पर बारी-बारी से भेजने का निर्णय टीएमबीयू प्रशासन ने लिया है. राजभवन व राज्य सरकार के […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त मुंगेर विश्वविद्यालय क्षेत्र के शिक्षकों व कर्मचारियों का ट्रांसफर एक साथ नहीं किया जायेगा. उन्हें उनके मूल स्थान पर बारी-बारी से भेजने का निर्णय टीएमबीयू प्रशासन ने लिया है. राजभवन व राज्य सरकार के निर्देश के बाद टीएमबीयू से कर्मियों को मूल स्थान पर भेजने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. दरअसल पिछले कई बैठकों में नवस्थापित मुंगेर विवि के कुलपति ने स्ट्रेग्थ की कमी दर्शाते हुए शिक्षक व कर्मचारियों की मांग की थी. उनका कहना था कि मुंगेर विवि के पास भागलपुर विश्वविद्यालय से अधिक कॉलेज हैं. उसी अनुपात में उन्हें कर्मियों की जरूरत है,
तभी बेहतर काम किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया गया कि जो शिक्षक या कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें उनके मूल स्थान पर भेज दिया जाये. ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब छह व शिक्षकेतर कर्मचारियों की संख्या लगभग 69 है. कुलपति प्रो नलिनी कांत झा ने बताया कि जो प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें तो जाना पड़ेगा. निर्देश जारी हो चुका है. उसका अनुपालन जरूरी है. लेकिन एक साथ अगर सभी को मूल कॉलेज में भेज दिया गया, तो भागलपुर विवि को दिक्कत हो जायेगी. इस कारण बारी-बारी से भेजे जायेंगे. यह निर्देश राज्य के सभी तीन नवस्थापित विश्वविद्यालयों के पैरेंट विवि पर लागू होगा.
राजभवन स्तर से परीक्षा समिति का गठन
राजभवन स्तर से परीक्षा समिति का गठन किया गया है. इसमें तीन कुलपतियों को शामिल किया गया है. समिति का काम होगा कि राज्य के तीन विश्वविद्यालयों से अलग कर बनाये गये तीन नये विश्वविद्यालय कौन सी परीक्षाएं लेगा. समिति में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय व मगध विश्वविद्यालय और इनसे अलग हुए तीन नये विवि के कुलपति को नहीं रखा गया है. पिछले महीने कुलपतियों की बैठक में परीक्षा को लेकर कुलपतियों का अलग-अलग मत था. कुछ कुलपतियों का कहना था कि जिन छात्रों का पुराने विवि में रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वही अंतिम सत्र तक की परीक्षा लेगा.
कुछ कुलपतियों का मत था कि जब नये विवि की स्थापना के साथ-साथ उनकी अधिसूचनाएं भी जारी कर दी गयी हैं, तो छात्र भी अपने नये विवि से परीक्षा देंगे. सबों का मत एक नहीं होने से परीक्षा समिति के गठन का निर्देश देना पड़ा. अब यह समिति जो भी तय कर देगी, वही लागू किया जायेगा.
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