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सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की जांच में नया खुलासा

पहले राशि हो गयी गायब, अब खाते की भी हो गयी चोरी, सीबीआइ ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट वर्ष 2012-13 से पूर्व विकास शाखा से चलायी जा रही थी योजना जिला नजारत से योजना को लेकर ठेकेदारों को होता था भुगतान भागलपुर : सृजन घोटाले के तहत सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की जांच […]

पहले राशि हो गयी गायब, अब खाते की भी हो गयी चोरी, सीबीआइ ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

वर्ष 2012-13 से पूर्व विकास शाखा से चलायी जा रही थी योजना
जिला नजारत से योजना को लेकर ठेकेदारों को होता था भुगतान
भागलपुर : सृजन घोटाले के तहत सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की जांच में नया खुलासा हुआ है. पहले तो योजना की राशि गायब हो गयी, अब खाता की चोरी होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. योजना की राशि को खाता में जमा कराने का निर्देश है, मगर वह किस खाता में जायेगा, इसका फाइल से अता-पता नहीं चल रहा है. सीबीआइ ने मामले में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में कई बिंदुओं पर सवाल पूछे गये हैं. सभी सवाल अहम बताये जा रहे हैं, जिससे जांच की कड़ी आगे बढ़ सकेगी.
यह है सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना. केंद्र से सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत राशि दी जाती है, जिससे सांसद से अनुमोदित काम को क्षेत्र में करवाना है. इस योजना का जिम्मा वर्ष 2012-13 से जिला योजना विभाग के पास दिया गया, उससे पहले विकास शाखा से काम होता था. विकास शाखा से मामले को लेकर फाइल की डिलिंग होती थी, लेकिन उसका भुगतान समाहरणालय के जिला नजारत से हो रहा था. जिला नजारत से ठेकेदार को पेमेंट होता था.
योजना विभाग से भी मांगी गयी थी फाइल व उसमें खाता संख्या. सीबीआइ ने जिला योजना विभाग से फाइल मांगी थी. मगर विभाग के पास जो फाइल है, उसमें वर्ष 2012-13 से पहले की फाइल का उल्लेख है. इस फाइल को सीबीआइ के पास भेजा गया, लेकिन उससे सीबीआइ संतुष्ट नहीं हुई. तभी से सीबीआइ संबंधित योजना की और जानकारी प्रशासन से मांगी है.
सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर यह भी बने हुए सवाल
सृजन समिति को मालामाल करने वाली पूर्व डीएम केपी रमैया की फाइल कहां गयी, यह पता नहीं लग सका. इसके लिए जिला प्रशासन से कमेटी का गठन हुआ. इसमें विकास शाखा व डीआरडीए दोनों जगह पर फाइल खोजी गयी. लेकिन फाइल नहीं मिली.
पूर्व एडीएम राजीव रंजन सिंह के समय बाइपास के 32 मौजा का नक्शा गायब हो गया. यह नक्शा कब पूर्व एडीएम के पास गया, किस पत्र से राजीव रंजन ने मांगा था. अगर उनके द्वारा मांगा गया था, तो उनके तबादले के बाद संबंधित भू अर्जन विभाग ने कोई पत्र से फाइल को लेकर जवाब-तलब किया या नहीं. अगर जवाब-तलब किया गया तो उसी समय मामले में शोकॉज क्यों नहीं हुआ. पूरे मामले का खुलासा सृजन घोटाला के बाद हुआ.

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