पशुपालन विभाग. ग्रामीणों में पशुपालन के प्रति नहीं फैला पा रहे हैं जागरूकता
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150 की जगह 60 कर्मी, पशुपालक आकर लौट जाते हैं, जानकारी तक नहीं मिलती
पशुपालन विभाग. ग्रामीणों में पशुपालन के प्रति नहीं फैला पा रहे हैं जागरूकता भागलपुर : जिले में पशुपालन का हाल दिन व दिन खराब होता जा रहा है. कृषि प्रधान क्षेत्र भागलपुर में लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक करने का पशुपालन ही जरिया हो सकता है. पशुपालन विभाग में जरूरत से 50 फीसदी भी कर्मचारी […]
भागलपुर : जिले में पशुपालन का हाल दिन व दिन खराब होता जा रहा है. कृषि प्रधान क्षेत्र भागलपुर में लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक करने का पशुपालन ही जरिया हो सकता है. पशुपालन विभाग में जरूरत से 50 फीसदी भी कर्मचारी कार्यरत नहीं हैं. किसानों व पशुपालकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती और अधिकतर योजनाओं का लाभ ग्रामीण किसान नहीं ले पाते हैं.
किसानों का नहीं हो रहा आर्थिक उन्नयन
किसानों के आर्थिक उन्नयन के लिए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है. जिले के किसानों को बकरी पालन, मुर्गी पालन, भेड़ पालन, गाय पालन के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. किसानों को इन योजनाओं की जानकारी तक नहीं मिल पा रही है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में लोग पशुपालन की बजाय दूसरे रोजगार से जुड़ने लगे हैं.
पशुपालन विभाग में मैन पावर की कमी
जिले के पशुपालन विभाग में 150 कर्मचारी व पदाधिकारी का पद सृजित है. मात्र 60 कर्मचारी व पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. 16 प्रखंड में तीन प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी हैं. तीनों को ही बांकी प्रखंड में पशुपालन विभाग के योजनाओं के कार्यान्वयन में भागीदारी देनी पड़ती है. इससे किसी भी प्रखंड में पूरा काम नहीं हो रहा है.
नहीं होता है पशुओं का इलाज
जिले में 37 पशु चिकित्सालय है. सभी जगह एक-एक चिकित्सक की जरूरत है. मात्र 12 कंपाउंडर है, जबकि हर अस्पताल में एक-एक कंपाउंडर जरूरी है. इससे पशुओं का इलाज कराना पशुपालकों के लिए मुश्किल हो जाता है. पशुओं का बंध्याकरण नहीं हो पाता है. इससे खस्सी व बैल तैयार करने में दिक्कत हो रही है. कृषि के साथ-साथ माल ढुलाई में भी इनका इस्तेमाल नहीं हाे रहा है. अधिकतर चारा बरसात में सड़ जाते हैं. एक पदाधिकारी ने बताया कि निविदा पर जो बहाली निकाली जाती है, उससे पशुपालकों को और परेशानी होती है. वह कुछ दिन तक काम कर छोड़ देते हैं, इससे पशुपालक समझ नहीं पाते, किससे अपना काम कराएं.
5.86 लाख पशुओं को दी जायेगी कृमि नाशक दवा
जिले के 5.86 लाख पशुओं को कृमि नाशक दवा दी जायेगी. 21 फरवरी को अभियान शुरू होगा, जो एक पखवारा तक चलेगा. सभी पशु पालकों को मुफ्त में दवा दी जायेगी. जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ ध्रुवनारायण सिंह ने बताया कि यह अभियान पंचायत स्तर पर घर-घर चलाया जायेगा. 16 प्रखंडों में पांच-पांच लोगों को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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