बरारी की रहनेवाली किशोरी नवीं कक्षा की है छात्रा
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डीएम को किशोरी की चिट्ठी, पिता करा रहे विवाह, बचाइये
बरारी की रहनेवाली किशोरी नवीं कक्षा की है छात्रा घंटाघर के निजी स्कूल में पढ़ रही छात्रा में है आगे पढ़ाई की ललक भागलपुर : डीएम साहब, मुझे अभी पढ़ना है. अभी इतनी उम्र भी नहीं हुई है कि शादी करूं. लेकिन मेरे पिताजी मानने को तैयार नहीं. वे मेरे लिए दूल्हा तलाश रहे हैं. […]
घंटाघर के निजी स्कूल में पढ़ रही छात्रा में है आगे पढ़ाई की ललक
भागलपुर : डीएम साहब, मुझे अभी पढ़ना है. अभी इतनी उम्र भी नहीं हुई है कि शादी करूं. लेकिन मेरे पिताजी मानने को तैयार नहीं. वे मेरे लिए दूल्हा तलाश रहे हैं. घर में जो स्थिति देख रहे हैं, उससे लग रहा है कि मेरी शादी जल्द ही करा दी जायेगी. लेकिन डीएम साहब, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती. आप कोई जतन कीजिए, ताकि पिताजी मान जायें और हम अपना भविष्य संवार सकें. यह दर्द भरा पत्र शुक्रवार को जिलाधिकारी के पास बरारी की नौंवी कक्षा की एक छात्रा ने भेजा है. फिलहाल यह छात्रा घंटाघर स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही है. छात्रा के मुताबिक, पिताजी उसकी शादी पर 80 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं. उसने डीएम से मामले को लेकर कार्रवाई करने की मांग की है.
नौ अक्तूबर 17 को पुलिस ने रुकवाया था बाल-विवाह
बाल-विवाह के खिलाफ बिहार सरकार के अभियान के दौरान नाथनगर क्षेत्र में राज्य का बाल-विवाह का पहला मामला सामने आया था, जब नाबालिग लड़की की शादी राजस्थान के अलवर स्थित सौकरी के एक अधेड़ व्यक्ति से कराया जा रहा था. नाथनगर थाने की पुलिस ने मनसकामना मंदिर पहुंचकर बाल विवाह को रोका था तथा साथ ही दोनों पक्षों से चार परिजनों की गिरफ्तारी भी की थी.
90 साल पहले बना था बाल विवाह निषेध अधिनियम
करीब 90 साल पहले बाल विवाह निषेध अधिनियम से बाल विवाह को रोकने का कदम उठाया गया था. अधिनियम में समय-समय पर बदलाव किया गया और सख्त करने की कोशिश हुई. बाल विवाह की घटना अपराध की श्रेणी में आता है. सीएम ने बाल विवाह उन्मूलन के लिये पुलिस को निर्देश दिया कि बाल विवाह से जुड़ा कोई मामला आता है तो उसे अपराध की श्रेणी में दर्ज करें.
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