भागलपुर : चुनिहारी टोला में केंद्रीय आम बजट का लाइव प्रसारण देख रहीं महिलाओं ने सुरक्षा के लिए बजट में प्रावधान किये जाने की बात कही. समाजसेवी कुसुम शर्मा ने कहा कि धरातल पर सुरक्षा दिखे. गांव के साथ-साथ शहर के लोगों पर भी ध्यान देना था. इंदु मिश्रा ने कहा कि मध्यमवर्गीय पीस रहे हैं. कविता अग्रवाल व खुशबू ने कहा कि गृहिणी के लिए कुछ नहीं मिला. सोनम शर्मा ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा बढ़ायी गयी, लेकिन इसे धरातल पर उतारा जाये.
रूपा सिंहानिया ने कहा कि महंगाई पर कंट्रोल नहीं किया गया. घर देने के साथ-साथ घर के किराया को नियंत्रित किया जाये. रश्मि जैन ने कहा कि सबसे अधिक पिछड़ा मध्यम वर्ग है. उर्मिला शर्मा ने कहा कि दूध व सब्जी की महंगाई पर नियंत्रण नहीं है. बबीता शर्मा, आकांक्षी देवी एवं मिताली शर्मा ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए ज्यादा प्रयास की जरूरत बतायी.
उम्मीद रह गयी अधूरी
मध्यम वर्ग के लोगों को इस बजट से काफी उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई. यह चुनावी बजट है. हालांकि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा व ग्रामीण विकास के लिए समुचित पहल की गयी है. सरकार गांधी के सपने को साकार करना चाह रही है.
रमण कर्ण, प्रधान सलाहकार नागरिक विकास समिति
किसान
रजंदीपुर के राजेश मंडल कहते हैं कि सरकार की सोच यदि सच में धरातल पर उतरी तो किसानों की आय दोगुणी से भी ज्यादा होगी.
रजंदीपुर की उषा देवी कहती हैं कि स्वास्थ्य प्रोटक्शन की पहल काफी जनोपयोगी है. गरीबों को इलाज में काफी सहूलियत मिलेगी.
मंसरपुर की जूली देवी कहती है कि हम किसान ही देश को समृद्ध बनाने की आधारशिला हैं. आने वाले समय में किसानों की आय तो बढ़ेगी ही देश भी समृद्ध होगा.
सबौर की किसान मधु कहती हैं कि केंद्र सरकार का बजट आम जनोपयोगी है. स्वास्थ्य बीमा की पहल ऐतिहासिक पहल है. दूसरी तरफ किसानों की आय बढ़ेगी तो देश समृद्ध होगा.
इंगलिश के भागवत चौबे कहते हैं कि किसानी से मुख मोड़ रहे युवा फिर से किसानी की ओर लौटेंगे. बजट यदि धरातल पर उतरी तो इसके काफी सुखद परिणाम होंगे. ऑपरेशन ग्रीन की सोच किसानों के लिए फायदेमंद है.
बाबूपुर की किसान बबिता देवी कहती हैं कि जैविक किसानी और ऑरेशन ग्रीन की बजट में घोषणा किसानोपयोगी है. इससे किसान समृद्ध बनेंगे.
महिलाओं को इस बजट
से थी ज्यादा उम्मीद
बजट पर राष्ट्रीय महिला जागरण समिति की ओर से चर्चा का आयोजन किया गया. समिति की अध्यक्ष अनुराधा खेतान के नेतृत्व में महिलाओं ने बताया कि इस बजट से उम्मीदें ज्यादा थी. महिलाओं की सुरक्षा पर कोई बात नहीं होती है. रसोई का सामान, मनोरंजन, इलेक्ट्रॉनिक सहित जरूरत का सामान गैस सिलिंडर आदि के बारे में बजट में कुछ नहीं किया गया. रेल की व्यवस्था को लेकर भी उदासीनता रही. महिलाएं सुरक्षित रेल यात्रा नहीं कर पा रही हैं. बुजुर्ग महिला रेल यात्रियों को विशेष सुविधा मिलनी चाहिए. मौके पर अनिता लोहिया, किरण चौधरी, जया मिश्रा आदि उपस्थित थे.