मिला न्याय. न्यायालय का फैसला आने के बाद भाइयों की आंखों से छलके आंसू, कहा
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अब मिलेगी बहन की आत्मा को शांति
मिला न्याय. न्यायालय का फैसला आने के बाद भाइयों की आंखों से छलके आंसू, कहा भागलपुर : सुलतानगंज में 23 जून 2015 को विधवा बहन रेखा देवी व दो भांजी की हत्या से आहत परिजनों ने जैसे ही अदालत से आरोपित निरंजन कुमार साह उर्फ अलखदेव के खिलाफ फांसी की सजा सुने, उनके आंखों से […]
भागलपुर : सुलतानगंज में 23 जून 2015 को विधवा बहन रेखा देवी व दो भांजी की हत्या से आहत परिजनों ने जैसे ही अदालत से आरोपित निरंजन कुमार साह उर्फ अलखदेव के खिलाफ फांसी की सजा सुने, उनके आंखों से आंसू छलक उठे. भाई पंकज ने घटना की याद कर, रो पड़े. कहा कि वे आज खुश हैं कि कोर्ट ने उसकी बहन व भांजी के हत्यारे को कड़ी सजा दी है.
आज वह सवा किलो मिठाई चढ़ायेंगे और मोहल्ले में बांटेंगे. उनकी बहन की आत्मा को शांति मिलेगी. उन्होंने कहा कि संपत्ति के लोभ में आरोपित अलखदेव ने उनकी बहन की हत्या कर दी थी. वह 25 हजार रुपये मांग रहा था, नहीं दिया तो योजना बनाकर हत्या कर दी. फैसले सुनाने के दौरान कोर्ट में पंकज के साथ दूसरा भाई राकेश भी मौजूद था.
मृतक रेखा देवी का बेटा मनीष अपने नाना-नानी के पास ही रहता है. मनीष भी मां व बहनों के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाये जाने पर खुश था, मगर मां की मौत का गम भी चेहरे पर नजर आया.
रेखा देवी का पति जम्मू-कश्मीर में दुकान करता था: रेखा देवी का मायका काजीचक है. गुड़हट्टा चौक के पास उनके पिता की मिठाई की दुकान है. मृतक का पति जम्मू-कश्मीर में मजदूरी करता था. उसके इंश्योरेंस का पैसा भी आरोपित अलखदेव ने जबरन ले लिया था.
न्यायालय के फैसले से समाज को संदेश
न्यायालय का फैसला समाज को यह संदेश देगा कि धन के लोभ में नृशंस हत्या करने पर कड़े दंड का भागी होना पड़ेगा. नृशंस हत्या में फांसी की सजा देना जरूरी था. अपनी पैरवी में भी न्यायालय से यही अपील की थी. जहां तक घटना के अन्य आरोपित वीरेंद्र के रिहा होने की बात है. इसमें फैसले का नकल निकालने के बाद विचार करेंगे कि वीरेंद्र के रिहा करने के फैसले के खिलाफ अपील दायर किया जाये या नहीं.
सत्यनारायण साह, लोक अभियोजक, भागलपुर कोर्ट.
यह था मामला
सुलतानगंज के घाट रोड, बिजली ऑफिस के सामने 23 जून 2015 की रात रेखा देवी (32) व उसकी दो बेटी कोमल कुमारी (16) व अंशु (7) की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी.
तीनों की लाश घर के कमरे से पुलिस ने बरामद की थी. घटना की सूचना पर राजेश साह और बहन अनिता देवी, बड़े भाई संजय साह और भांजा गौतम के साथ बालू घाट रोड पर आया. आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक रेखा देवी की संपत्ति हड़पने के लिए व उसके द्वारा रुपये नहीं देने पर हत्या की गयी है
घटना के फौरन बाद पुलिस ने रेखा के साथ अवैध रूप से रहनेवाले व्यवसायी निरंजन कुमार साह उर्फ अलखदेव को हिरासत में लिया था. पुलिस ने घटना के 12 घंटे बाद खुलासा करते हुए निरंजन कुमार साह उर्फ अलखदेव तथा उसके भाई वीरेंद्र कुमार के खिलाफ मृतक रेखा देवी के भाई काजीचक (मिरजान हाट) पंकज कुमार साह की शिकायत पर मामला दर्ज किया. इस घटना में पुलिस ने 20 सितंबर 2015 को चार्जशीट दायर हुआ और निरंजन कुमार साह व वीरेंद्र कुमार के खिलाफ 20 नवंबर 2015 को कोर्ट में आरोप गठित हुआ.
यह थी घटना को लेकर पुलिस की तफ्तीश: मृतक रेखा देवी के पति अजय साह की मौत वर्ष 2013 में हो गयी थी. पति की मौत के बाद रेखा देवी को रिश्ते में उसका ममेरा देव निरंजन कुमार साह उर्फ अलखदेव उसे बहला-फुसलाकर कर अपने साथ रखने लगा. दोनों के बीच अवैध संबंध भी था. रेखा देवी की संपत्ति हड़पने के लिए निरंजन उर्फ अलखदेव खुद को उसका पति बताता था.
ट्यूशन पढ़ा कर चलाती थी घर: वर्ष 1997 में अजय साह के साथ रेखा देवी की शादी धूमधाम से हुई थी. रेखा देवी अपने पति की मौत के बाद बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर घर चलाती थी. उसकी बेटी कोमल कुमारी ने इंटर की परीक्षा पास की थी. कोमल की शादी को लेकर भी चर्चा हो रही थी. उसका एक मात्र लड़का था, जिसका नाम मनीष कुमार था. वह पढ़ाई के सिलसिले में खगड़पुर हवेली गया था. रेखा देवी का मायका शहर के काजीचक में था.
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