भागलपुर : खनिज विकास अधिकारी गोपाल साह जितने अपने काम के लिए जाने जाते हैं, उससे ज्यादा चर्चा में अपनी कुर्सी के लिए रहते हैं. ट्रांसफर होने पर वह जहां-जहां जाते हैं, अपनी स्पेशल कुर्सी साथ ले जाते हैं. उनके ऐसा करने का कारण है कि वे अपनी कुर्सी को अपने लिए काफी लक्की मानते हैं. कुर्सी के लिए वे लड़ाई तक कर लेते हैं. खनन कार्यालय में भागलपुर और जमुई के खनिज विकास अधिकारियों के बीच योगादन के दौरान विवाद का कारण कुर्सी ही बनी. जमुई से खनिज विकास अधिकारी घनश्याम झा योगदान देने जब भागलपुर आये, तो उन्हें भागलपुर के खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल साह ने न तो प्रभार दिया और न कुर्सी.
उन्होंने पदभार का स्वत: परित्याग कर कुर्सी साथ लेकर जमुई में योगदान देने चले गये. जब वे प्रतिनियुक्ति पर योगदान देने भागलपुर आये थे, तो भी अपनी लक्की कुर्सी साथ लेकर आये थे. भोजपुर के कार्यालय में जब प्रभारी सहायक निदेशक थे और जून 2017 में स्थानांतरण भागलपुर हुआ था, तो वहां भी कुर्सी को लेकर विवाद हुआ था. वही विवाद यहां भी हुआ और उनकी कुर्सी चर्चा में आयी है.