भागलपुर : वर्ष 2002 में सहयोग समितियों के तत्कालीन सहायक निबंधक सुभाष चंद्र शर्मा ने सृजन के कामकाज की जांच की थी. श्री शर्मा ने अपने वरीय अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ लिखा है कि सृजन में उस समय सब कुछ नियमों को ताक पर रख कर काम किया जा रहा था. उन्होंने अपने पत्र में एक और विशेष जांच करने की मांग की थी. लेकिन इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
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2002 में को-ऑपरेटिव के एआर ने जतायी थी आपत्ति
भागलपुर : वर्ष 2002 में सहयोग समितियों के तत्कालीन सहायक निबंधक सुभाष चंद्र शर्मा ने सृजन के कामकाज की जांच की थी. श्री शर्मा ने अपने वरीय अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ लिखा है कि सृजन में उस समय सब कुछ नियमों को ताक पर रख कर काम किया जा रहा था. उन्होंने अपने […]
सीबीआइ से मांगा जायेगा नाजिर राकेश झा पर लगे आरोप का पत्र : जिला प्रशासन भू अर्जन कार्यालय के नाजिर रहे राकेश कुमार झा पर अभियोजन स्वीकृति चलाने के लिये आरोप पत्र की कॉपी मांगेगी. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. राकेश झा अभी जेल में है और उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुका है.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ राकेश झा के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा कर चुकी है. डीएम से अभियोजन स्वीकृति मिलने पर ही राकेश झा पर सीबीआइ आगे की कार्रवाई करेगी. सीबीआइ ने तत्कालीन भू अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह व नाजिर राकेश कुमार झा पर अभियोजन चलाने की अनुमति सरकार से मांगी थी. सामान्य प्रशासन ने राजीव रंजन सिंह पर अनुमति दी, मगर नाजिर राकेश कुमार झा को लेकर डीएम स्तर पर अभियाेजन स्वीकृति मिलने का निर्देश दिया.
एजी की भू अर्जन कार्यालय की रिपोर्ट पर होगा अध्ययन
महालेखाकार द्वारा भू अर्जन विभाग के वित्तीय अंकेक्षण की अंतरिम रिपोर्ट पर अध्ययन होना है. बताया जाता है कि रिपोर्ट में राजीव रंजन सिंह के कार्यकाल की चर्चा है. पूर्व डीएलएओ राजीव रंजन सिंह के कार्यकाल में भू अर्जन की जिन योजनाओं की राशि की अवैध निकासी हुई है, की चर्चा है. रिपोर्ट के अध्ययन होने पर ही कुल अवैध निकासी की राशि का पता चल सकेगा. विजय घाट, पीरपैंती थर्मल सहित कई परियोजनाओं की राशि सृजन में अवैध निकासी होने के कारण चली गयी थी. रिपोर्ट में योजना वाइज राशि की निकासी की चर्चा की है.
सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने राशि गबन मामले में बैंकों से मांगा जवाब
द भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने अपनी राशि के गबन मामले में संबंधित बैंक से 15 जनवरी तक जवाब मांगा है. अपनी ऑडिट रिपोर्ट के मिलने से पहले उन बैंकों से अपने द्वारा जारी चेक की छाया प्रति मांगी है. इसके अलावा उनके गबन राशि व सूद का ब्योरा मांगा है. संबंधित बैंक द्वारा ब्योरा नहीं आता है तो ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर उनसे डिमांड नोटिस भेजेंगे. डिमांड नोटिस का माकूल जवाब नहीं मिलने पर आरबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित संबंधित बैंक के आला पदाधिकारियों को पत्र भेजेंगे. द भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने भी सृजन घोटाला में सृजन महिला सहयोग समिति के सभी पदधारकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
कल्याण विभाग ने घोटाले की राशि को लेकर आरबीआइ व बैंक को लिखा पत्र
जिला कल्याण विभाग ने भी घोटाले की राशि को वापस मांगने के लिए आरबीआइ को पत्र लिखा है. पत्र में योजना के मद में राशि नहीं होने से आगे की कार्रवाई में परेशानी आ रही है. एजी की रिपोर्ट में तीन अलग-अलग बैंक से राशि की अवैध निकासी का उल्लेख है. बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा से दो अरब 14 करोड़ पांच लाख 79 हजार 437 रुपये, बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा से 17 करोड़ 71 लाख 33 हजार 312 रुपये, इंडियन बैंक मुख्य शाखा से नौ करोड़ 52 लाख 35 हजार रुपये की अवैध निकासी की रिपोर्ट आयी है. पूर्व में कल्याण शाखा ने 121 करोड़ रुपये की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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