भागलपुर : स्मार्ट सिटी योजना को लेकर कई तैयारी हुई. विकास के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भी अधिकार मिला, पर नगर निगम की स्थिति सौ दिन चले ढाई कोस वाली हो गयी है. एक कोई योजना शुरू नहीं होती कि उसे कुंद करने में लग जाते हैं लोग. हालांकि निगम के नये नगर आयुक्त इससे दोचार होने की कोशिश में हैं,
पर हालात उत्साहित नहीं करते. बात दें कि स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद (लगभग पांच माह पहले) यह तय हुआ कि शहर के बाजार में फेंकी गयी हरी सब्जियों के पत्तों से खाद बनाया जायेगा. इससे शहर भी साफ रहेगा, साथ ही खाद से किसानों को फायदा होगा और निगम की कमाई भी. इसके लिए जैविक खाद बनाने वाली मशीन भी खरीदी गयी.
बड़े पैमाने पर खाद रखने और उसे बेचने के लिए नौ सौ प्लास्टिक के डब्बे भी खरीदे गये. जानकारों के अनुसार इस खरीद पर 16 लाख रुपये खर्च हुए. मशीन और डब्बों के अाने के बाद इसे लगाने की कोई व्यवस्था नहीं हुई. अब हालत यह है कि मशीन जर्जर हो चुकी है. डब्बों की स्थिति भी खराब है. अब तक इसे लगाने या चलानेवाला कोई इंजीनियर नहीं अाया है. सभी सामान और मशीन निगम के गोदाम में लावारिस पड़े हैं.