भागलपुर : भारत में रंगकर्म और हिंदी सिनेमा को स्थापित करने में शशि कपूर का महत्वपूर्ण योगदान रहा. कम लोगों को ही मालूम होगा कि भारतीय सिनेमा का पितामह कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर के साथ पुत्र शशि कपूर 1951 में भागलपुर आये थे. भागलपुर आने का उद्देश्य भी रंगमंच को लोकप्रिय बनाना और पृथ्वी […]
भागलपुर : भारत में रंगकर्म और हिंदी सिनेमा को स्थापित करने में शशि कपूर का महत्वपूर्ण योगदान रहा. कम लोगों को ही मालूम होगा कि भारतीय सिनेमा का पितामह कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर के साथ पुत्र शशि कपूर 1951 में भागलपुर आये थे. भागलपुर आने का उद्देश्य भी रंगमंच को लोकप्रिय बनाना और पृथ्वी थियेटर के जरिये रंगकर्म के प्रति जागरूकता फैलाना था.
अभिनय की बारीकी सीखने में भागलपुर भी एक पड़ाव रहा था. वरिष्ठ रंगकर्मी प्रो चंद्रेश ने बताया कि 1951 में पृथ्वी राजकपूर पूरे भारत में घूम-घूमकर रंगमंच का प्रचार-प्रसार कर रहे थे. इसके लिए नाटक का मंचन किया करते थे. अभिनेता शशि कपूर भी पिता के साथ आये थे. साथ ही माता और दादा 40 लोगों की टीम के साथ पहुंचे थे. उस वक्त स्थानीय रंगकर्मी हरिकुंज और अन्य रंगकर्मियों से मिलकर रंगकर्म को मंजिल पर पहुंचाने की अपील की थी. इतना ही नहीं दो दिन तक नाटक का मंचन किया था.
मशहूर रंगकर्मी व बाॅलीवुड अभिनेता शशि कपूर के निधन पर विशेष
1951 में पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ रंगमंच को लोकप्रिय बनाने फैला रहे थे जागरूकता अभियान
रंगकर्मियों में शोक की लहर
रंगकर्म को ऊंचाई देने में लगा दी बड़ी कमाई
शशि कपूर के निधन से रंगकर्मियों में शोक की लहर है. वरिष्ठ रंगकर्मी प्रो चंद्रेश ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि रंगकर्म को आगे बढ़ाने और नयी ऊंचाई देने में बड़ा योगदान दिया. नामी-गिरामी अभिनेता जहां मुंबई और विदेश में अपनी कमाई से होटल व बंगला खरीद रहे हैं, वहीं शशि कपूर ने पृथ्वी थियेटर को स्थापित करने में बड़ी कमाई लगा दी और अपने पिता पृथ्वी राज कपूर को श्रद्धांजलि दी. फिल्म इंडस्ट्रीज में एक अकेला उदाहरण बने. इधर युवा रंगकर्मी रितेश, हिमांशु, चैतन्य प्रकाश ने शोक व्यक्त किया.