कहलगांव: 150 साल पुराना रेलवे उल्टा पुल रविवार सुबह 10:40 बजे जोरदार धमाके के साथ उड़ा दिया गया. इस ब्लास्ट में धनबाद से आये वैज्ञानिकों ने नोनेल तकनीक यानि नन–इलेक्ट्रिक इनीशियेशन का प्रयोग किया. इस तकनीक से 84 मिली सेकेंड के अंदर तीन स्तर पर ब्लास्ट किये गये. ब्लास्ट मेेंं 300 किलोग्राम विस्फोटक का प्रयोग किया गया.
विशेषज्ञों की टीम ने किया ब्लास्ट : धनबाद के सीएमएफआर के वैज्ञानिक डॉ सी सोमलियाना के नेतृत्व में आये पांच सदस्यीय टीम ने शनिवार की रात्रि 10 बजे से पूर्व से बनाये गये करीब 410 छिद्रों में बारूद की भराई शुरू की, जो रविवार सुबह छह बजे तक चलता रहा. सुबह आठ बजे तक फाइनल कनेक्शन कर लिया गया. टीम में डॉ सी सोमलियाना के साथ सीनियर तकनीक विशेषज्ञ राकेश कुमार सिंह, तकनीकी अधिकारी पंचानंद हेंब्रम और दो सहायक नवीन कुमार व टिंकू हेम्ब्रम शामिल थे.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: आरओबी ब्लास्ट को लेकर प्रशासन की ओर से काफी एेहतिहात बरते गये थे. आरपीएफ इंस्पेक्टर सी किस्कू के नेतृत्व में आरपीएफ व जीआरपी के जवान भीड़ को नियंत्रित करने में लगे थे. हैंड लाउडस्पीकर से रेलवे के अधिकारी भीड़ को पुल से तीन सौ मीटर के दायरे से बाहर रहने की बार–बार अपील कर रहे थे. अनुमंडल प्रशासन की ओर से आसपास के घरों के लोगों से बार–बार अपील की जा रही थी कि ब्लास्ट के समय घर से बाहर रहें.
सुबह 09:50 बजे से लिया रेलवे ब्लॉक : सफल व सुरक्षित रेलवे पुल ध्वस्त कराने के लिए वैज्ञानिकों की टीम द्वारा रेलवे से सुबह 09:50 बजे से शाम 04:20 तक ब्लॉक लिया गया. इस बीच पुल को उड़ाने और ध्वस्त होने के बाद उसके मलबे को हटाने का काम किया गया. ब्लॉक लेने के पूर्व आखिरी ट्रेन मालदा–जमालपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस गुजरी. मलबा हटाने के बाद शाम में 05:50 बजे अप वर्द्धमान पैसेंजर ट्रेन गुजरी. मलबा हटाने के लिए तीन पोकलेन मशीन, दो हाइवा व कई ट्रैक्टर का उपयोग किया गया.
मौके पर थे मौजूद: ब्लास्ट के समय डिप्टी चीफ इंजीनियर निर्माण जमालपुर जितेंद्र कुमार, मंडल अभियंता विकास कुमार, भागलपुर के एरिया मैनेजर आलोक कुमार, कहलगांव प्रभारी स्टेशन अधीक्षक चंद्रकांत मंडल मौके पर मौजूद थे.