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पड़ताल बाइपास की: पांच नवंबर से सरपट दौड़नी थीं गाड़ियां, पर अभी पैदल चलना भी मुश्किल, खेत और गड्डे में सिमटा बाइपास

शहर से जाम की परेशानी खत्म करने के लिए वर्ष 2015 से बाइपास रोड का निर्माण हो रहा है. राजस्थान की कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड इसे बनवा रही है. इसके बनने से शहर में हर रोज ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं रहेगी. लिहाजा आम लोग इससे बड़ी उम्मीद बांधे हैं. इस बाइपास को […]

शहर से जाम की परेशानी खत्म करने के लिए वर्ष 2015 से बाइपास रोड का निर्माण हो रहा है. राजस्थान की कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड इसे बनवा रही है. इसके बनने से शहर में हर रोज ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं रहेगी. लिहाजा आम लोग इससे बड़ी उम्मीद बांधे हैं. इस बाइपास को इसी वर्ष पांच नवंबर तक पूरा जाना था. लोग भी उत्साहित हैं, पर हालात कुछ और कहते हैं. सच क्या है, काम की धरातल पर क्या स्थिति है, उसे जानने के लिए रविवार को हमारे संवाददाता ब्रजेश व फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष ने जीरो माइल से दोगच्छी तक बाइपास के निर्माणाधीन रास्ते पर 16.73 किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान स्थिति उत्साहवर्धक नहीं लगी. हालत यह कि जिस बाइपास पर पांच नवंबर से गाड़ियों को सरपट दौड़ लगानी थी, उस पर पैदल या मोटरसाइकिल से चलना भी मुश्किल है. काम को लेकर वर्तमान रफ्तार और मुस्तैदी से लगा कि बाइपास का सपना जल्द नहीं होगा अपना.
भागलपुर : बाइपास रोड का निर्माण शुरू तो शहरी लोगों की परेशानी खत्म करने के लिए हुआ था, लेकिन विभागीय अधिकारियों और राजस्थान की कार्य एजेंसी की लापरवाही से यह आज दो साल के बाद भी यह पूरा नहीं हुआ. अब भी इलाके में कुछ अधूरे पुल हैं, तो हर ओर खेत है. कुछ जगहों पर तो मिट्टी भराई तक नहीं हो सकी है. सरपट मैदानी क्षेत्र और खेत ही खेत है. साल 2015 से शुरू हुए इस 16.73 किमी के बाइपास को बनाने की रफ्तार को और तेज कर दिया जाये, तो भी बाइपास बनने में कुछ साल लग जायेंगे. नतीजतन लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक जाम से निजात पाने का शहरवासियों ने जो सपना देखा था, वह अगले तीन साल से पहले पूरा होने की उम्मीद नहीं है.
बाइपास का निर्माण जीरोमाइल में फ्लाई ओवर ब्रिज से शुरू हुआ और यही अधूरा है. इसके आगे 200 मीटर मिट्टी भर कर छोड़ दिया है. सड़क बनी ही नहीं है. गोपालपुर में तो रेलवे ओवर ब्रिज का सुपर स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया है, लेकिन गार्डर नहीं चढ़ा है. इससे आगे पैदल भी बढ़ना संभव नहीं है.

गोराडीह क्रॉसिंग रोड से स्टेट हाइवे तक : गोराडीह क्रॉसिंग रोड से स्टेट हाइवे-19 (हंसडीहा रोड) के बीच शुरुआती के 500 मीटर में तीन पुल है, जिसमें एक एप्रोच रोड का हाइटेक मशीन से पीसीसी कराया जा रहा था. बाकी के दो पुल का अभी ऐसे कई काम बाकी हैं, जिससे सुरक्षित यात्रा मुमकिन नहीं है.
खुटाहा बहियार से स्टेट हाइवे तक खेत ही खेत : गाेराडीह क्रॉसिंग रोड से खुटाहा बहियार के बीच 500 मीटर में बनी सड़क से स्टेट हाइवे हंसडीहा रोड तक सरपट मैदान और खेत ही खेत है. मोटरसाइकिल तक गुजरने का रास्ता नहीं है. नदी में एक पुल अधूरा पड़ा है. रेलवे ओवर ब्रिज का केवल स्ट्रक्चर खड़ा है. गार्डर नहीं चढ़ सका है. इसके बाद भी एक पुल अधूरा है. इसके आगे तिलपुलिया के नजदीक बहियार में 155 मीटर में जमीन अधिग्रहण नहीं होने से मिट्टी भराई नहीं हो सकी है. हालांकि, इस बीच कुछ जगह पर 100-200 मीटर सड़क अधूरी पड़ी है. कई जगहों पर कलवर्ट निर्माण का कार्य शुरू तक नहीं हो सका है. हंसडीह मार्ग स्टेट हाइवे 19 पर अंडर व्हिकल पास बना है. जो दोगच्छी में जाकर एनएच 80 से मिलता है. सड़क और सर्विस रोड बन गया है मगर, रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज, चंपा नाला पर ब्रिज का निर्माण अधूरा है. इस बीच कई जगहों पर महानगर का लुक देने की कोशिश की गयी है. हाइटेक बस स्टैंड तक बना है. इसमें कोई दो राय नहीं कि सड़क बेहतरीन नहीं बनी है. बेहतरीन सड़क पर अधूरे पुल-पुलिया को लेकर आवागमन शुरू नहीं हो सका है. हां, स्थानीय कुछ दूरी तक सड़क का उपयोग कर रहे हैं.
बोले अधिकारी
155 मीटर में जमीन अधिग्रहण हो जायेगा, तो बाइपास रोड बनाने में ज्यादा से ज्यादा एक साल लगेगा. रेलवे से ब्लॉक नहीं मिलने के चलते आरओबी पर गार्डर चढ़ाने का काम रुका है. मालदा में सोमवार को बैठक है. कार्य एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर बैठक के लिए मालदा में है. रेल ब्लॉक मिल जाये, तो सभी आरओबी पर गार्डर चढ़ाने का काम एक साथ शुरू होगा और पूरा किया जायेगा. ऐसे भी कार्य एजेंसी से 15 अगस्त 2018 तक के लिए एक्सटेंशन डेट का प्रपोजल मिला है. रेल ब्लॉक की अनुमति मिलने की प्रतीक्षा में है. इसके बाद प्रपोजल को मंत्रालय भेज दिया जायेगा, लेकिन काम होता रहेगा.
राज कुमार, कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर
यह काम अभी अधूरा है
मेजर ब्रिज-1 : चंपानाला पर
फ्लाइ ओवर ब्रिज : जीरोमाइल के पास
रेलवे ओवर ब्रिज-1 : भागलपुर-पटना रेलखंड पर पुरानी सराय, नाथनगर
रेलवे ओवर ब्रिज-2 : भागलपुर-हावड़ा रेलखंड पर वंशीटीकर
रेलवे ओवर ब्रिज-3 : भागलपुर-मंदारहिल रेलखंड पर खुटाहा
सड़क व एप्रोच : 4.5 किमी

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