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नक्सलियों को हथियार देने की थी योजना

मिनी गन फैक्ट्री . गिरफ्तार किये गये कारीगरों ने किया पुलिस के समक्ष खुलासा अकबरनगर : अकबरनगर दियारा के कोदरा भिट्ठा गांव में मिनी गन फैक्ट्री चलाने वाले छह अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पूछताछ में अपराधियों ने बताया है कि हथियारों की बड़ी खेप बिहार सहित अन्य राज्यों […]

मिनी गन फैक्ट्री . गिरफ्तार किये गये कारीगरों ने किया पुलिस के समक्ष खुलासा

अकबरनगर : अकबरनगर दियारा के कोदरा भिट्ठा गांव में मिनी गन फैक्ट्री चलाने वाले छह अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पूछताछ में अपराधियों ने बताया है कि हथियारों की बड़ी खेप बिहार सहित अन्य राज्यों के अपराधियों के अलावा बिहार व झारखंड के नक्सलियों को भी भेजी जानी थी. इसकी जिम्मेदारी कुछ कुख्यात अपराधियों ने संभाल रखी थी.
हर रोज होता था लाखों का धंधा : पूछताछ में अपराधियों ने बताया है कि पिस्टल निर्माण में प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता था. पिस्टल तैयार होने के बाद गंगा के रास्ते नाव से अन्य जगह पहुंचाया जाता था. दो से अधिक बार पिस्टल की सप्लाइ की गयी है. पिस्टल की खेप किस अापराधिक गिरोह को पहुंचायी गयी है, पुलिस इस बिंदु पर भी जांच-पड़ताल कर रही है.
आने-जाने वालों की निगरानी करते थे अपराधी : गिरफ्तार किये गये सभी कारीगर मुंगेर जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरधे गांव के हैं. शोएब आलम व औरंगजेब ने बताया कि जिस जगह हमलोग पिस्टल बनाते थे, वहां अनजान व्यक्ति को आने-जाने से रोकने के लिए कई अपराधी निगरानी में लगे रहते थे. मंगलवार को जिस वक्त पुलिस ने दबिश दी, निगरानी में लगे अपराधी कहीं चले गये थे. फैक्ट्री का मुख्य संचालक भी कहीं गया था. वह कुछ देर में आने वाला था.
1500 पिस्टल का मिला था ऑर्डर, एडवांस में मिले थे लाखों रुपये : कारीगरों ने बताया कि अपराधी आपस में 15 सौ से अधिक पिस्टल पहुंचाने का ऑर्डर मिलने की बात करते थे. इसके लिए उन्हें दो दिन पहले लाखों रुपये एडवांस में मिले थे.
एक पिस्टल बनाने के मिलते थे चार से पांच हजार : मिनी गन फैक्ट्री का मास्टरमाइंड मुंगेर व दूसरे जिलों से कारीगरों को मजदूरी पर लाकर उनसे पिस्टल का निर्माण करता था. एक पिस्टल बनाने के लिए कारीगरों को चार से पांच हजार रुपये दिये जाते थे. दो माह से यह धंधा चल रहा था. प्रतिदिन यहां 10 से 15 कारीगर आते थे. अपराधियों ने दो माह में 400 से अधिक पिस्टल बनवाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा था. गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि हर रोज अलग-अलग कारीगरों को बुलाया जाता था, ताकि इसकी भनक पुलिस को न लगे. पुलिस ने इस मामले में अकबरनगर थाना में दस अपराधियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है.
हर रोज अलग-अलग रास्ते से आते थे कारीगर
फैक्टी तक कारीगरों को अलग-अलग रास्तों से लाया जाता था. फैक्ट्री तक एक कारीगर को एक रास्ते से एक ही बार पहुंचाया जाता था और दूसरे रास्ते से वापस भेजा जाता था. इसके लिए कुछ महिला अपराधियों का भी सहयोग लिया जाता था. गिरफ्तार किये गये कारीगरों ने बताया कि वे लोग सुलतानगंज व नाथनगर ट्रेन व बस से आते थे. उसके बाद उन्हें दियारा का लोकेशन दिया जाता था. वहां से उन्हें नाव के रास्ते ले जाया जाता था. इन लोगों ने बताया कि हम पहली बार ऐसे इलाके में आये थे. चार दिन हमने काम किया था. पांचवें दिन पुलिस की छापेमारी में पकड़े गये. हमलोग 10 कारीगर पिस्टल निर्माण करने में लगे थे. बता दें कि पुलिस ने दियारा के इस इलाके में पहले भी अवैध हथियार बरामद किये थे.
नक्सलियों की भी शरणस्थली है दियारा इलाका
जिले के अकबरनगर, बिहपुर, नाथनगर, सुलतानगंज दियारा इलाके के अपराधियों की सांठगांठ नक्सलियों से भी होने की पुलिस को सूचना मिली है. सूत्रों की मानें तो इस इलाके को नक्सलियों की भी शरणस्थली माना जाता है. यहां मिनी गन फैक्ट्री पकड़े जाने और गिरफ्तार अपरािधयों के खुलासे के बाद इस तरह की आशंका को झुठलाया नहीं जा सकता है.
कहते हैं थानाध्यक्ष : थानाध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार सभी अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अन्य चार अपराधियों की तलाश की जा रही है. जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.
अकबरनगर दियारा में कुख्यात अपराधी चला रहे थे गन फैक्ट्री
दो माह 400 पिस्टल बनाने का था लक्ष्य
गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में किया चौंकाने वाला खुलासा

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