नवगछिया : एक निजी पैथोलॉजी की गलत रिपोर्ट ने पति-पत्नी को अलगवा के करीब तक पहुंचा दिया. परिवार बिखरने को था. खरीक प्रखंड के इस युवक को पैथोलॉजी ने एचआइवी पॉजिटिव बता दिया, तो उसकी पत्नी उससे दूर होने लगी. दो बच्चों की जिंदगी भी अंधकारमय दिखने लगी. अंतत: कुछ लोगों की सलाह पर उसने नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में जांच करायी, तो रिजल्ट निगेटिव आया. इसके बाद दंपती के जीवन में फिर से बहार आ गयी.
जिंदगी से प्रेम का पन्ना हो गया था गायब : नवगछिया अनुमंडल के खरीक प्रखंड के मेहनतकश युवक राहुल (काल्पनिक नाम) की पांच साल पहले शादी हुई. फिर उसे दो बच्चे हुए. फिर राहुल की पत्नी की गंभीर बीमारी से मौत हो गयी. राहुल दूसरी शादी नहीं चाहता था, लेकिन घरवालों के दबाव और दो बच्चों के लालन-पालन के लिए उसने दूसरी शादी यशोधरा (काल्पनिक नाम) से कर ली. उसके दोनों बच्चों को उसकी दूसरी पत्नी ने अपना लिया. राहुल के जीवन में फिर से खुशियां लौट आयी थीं.
रिपोर्ट आयी तो, हैरान रह गये काउंसेलर : यशोधरा और राहुल जेएलएनएमसीएच भागलपुर पहुंचे. वहां एचआइवी जांच किट उपलब्ध नहीं थी. वहां दोनों को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल भेजा गया. अनुमंडल अस्पताल के समेकित परामर्श व जांच केंद्र (आइसीटीसी) के काउंसेलर अजय कुमार सिंह ने दोनों से जांच कराने का कारण पूछा, तो उन्होंने पूरी कहानी बतायी. इसके बाद उनका रक्त का नमूना लिया गया. दो दिन बाद काउंसेलर अजय सिंह रिपोर्ट देख हैरान थे. पति-पत्नी में से कोई भी एचआइवी पॉजिटिव नहीं था. इसके बाद दंपती खुशी-खुशी घर लौटे. उनकी जिंदगी में फिर से बहार आ गयी थी.