नोटिस की प्राप्ति से 30 दिनों की अवधि के भीतर उन्हें पूरे डिफॉल्ट को सुधारने के लिए कहा गया है. हालांकि, यह मुमकिन नहीं लगता है. अगर फ्रेंचाइजी ऐसा करने में सक्षम नहीं होती है तो साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी करार रद्द करेगी.
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डिफॉल्ट सुधारें, वरना कंपनी की विदाई तय
भागलपुर : साल भर से एग्रीमेंट रद्द करने को लेकर अपनायी जा रही बिजली की फ्रेंचाइजी कंपनी पर कार्रवाई की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गयी है. केवल अब फैसला लेने की देर है. ऊर्जा विभाग ने नये सिरे से एग्रीमेंट रद्द करने का प्रारंभिक नोटिस जारी किया है. एग्रीमेंट रद्द करने की प्रारंभिक नोटिस बीइडीसीपीएल […]
भागलपुर : साल भर से एग्रीमेंट रद्द करने को लेकर अपनायी जा रही बिजली की फ्रेंचाइजी कंपनी पर कार्रवाई की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गयी है. केवल अब फैसला लेने की देर है. ऊर्जा विभाग ने नये सिरे से एग्रीमेंट रद्द करने का प्रारंभिक नोटिस जारी किया है. एग्रीमेंट रद्द करने की प्रारंभिक नोटिस बीइडीसीपीएल और इनके मूल कंपनी एसपीएमएल को साथ-साथ जारी किया गया है.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, पटना के चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) नरेंद्र कुमार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि एसपीएमएल के अधीन काम करनेवाली बीइडीसीपीएल ने नियम व शर्तों का उल्लंघन किया है. एसपीएमएल व बीइडीसीपीएल पर 31 अगस्त 2017 तक बकाया राशि 237 करोड़ 46 लाख 55 हजार 291 है और एग्रीमेंट के अनुसार इसे जमा नहीं किया जा रहा है. बार-बार निर्देश के बावजूद कंपनी बकाया राशि का भुगतान करने में असफल रही है. उपभोक्ता से सुरक्षा जमा के रूप में जमा राशि की भी भुगतान नहीं की गयी है. 30 दिनों में डिफॉल्ट को सुधारने कहा गया है. साल भर पहले तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फ्रेंचाइजी कंपनी की कार्य पद्धति की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें एग्रीमेंट रद्द करने का आग्रह किया गया था. इसके बाद से कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है. इस मामले में सच्चाई जानने के लिए कंपनी के सीइओ संजीव सिन्हा से बात करने की कोशिश की गयी मगर, उनसे बात नहीं हो सकी.
यह है देनदारी : ऊर्जा विभाग ने फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल की मूल कंपनी एसपीएमएल इंफ्रा लिमिटेड से गारंटी के तौर पर 36.10 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) नरेंद्र कुमार ने नोटिस (लेटर ऑफ क्रेडिट) जारी कर कहा था कि यह राशि बिना देरी किये जमा करें. अन्यथा डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी (डीएफ) समझौते के तहत प्रावधानों की अवधि में कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई होगी. अप्रैल, मई व जून के औसतन बिजली खपत 56952313 किलोवाट पर 3.169 रुपये प्रति यूनिट की दर से 36.10 करोड़ की गारंटी राशि कंपनी से जमा कराना चाहती है. हालांकि, कंपनी ने 8.86 करोड़ की गारंटी पूर्व में जमा किया था. बिजली खपत बढ़ा है, जिसके कारण 36.10 करोड़ गारंटी बनती है, जिसका शेष राशि 27.24 करोड़ बकाया बताया गया है. पूर्व में बैंक गारंटी 8.86 करोड़ जो जमा किया गया था, उसको जब्त कर लिया गया. इस कारण जो गारंटी बनती है वह 36.10 करोड़ की देनदारी है. इसके अलावा बिल मद में भी लगभग 279 करोड़ से ज्यादा की देनदारी हो गयी है.
अबतक जारी किया गया नोटिस
12 जुलाई 2017 : रिस्टोरेशन ऑफ लेटर ऑफ क्रेडिट
01 अगस्त 2017 : रिस्टोरेशन ऑफ लेटर ऑफ क्रेडिट को लेकर डिफॉल्ट घोषित
11 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
17 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
06 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
10 फरवरी 2017 : सिक्यूरिटी डिपोजिट और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को लेकर
06 जुलाई 2017 : निर्गत बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर
एसबीपीडीसीएल से जारी नोटिस डिपोजिट को लेकर है और यह काम कोलकाता हेडक्वाॅर्टर से होता है. यहां केवल ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का काम होता है. कंपनी का हेडक्वाॅर्टर जो तय करेगा, उसको यहां से फाॅलो किया जायेगा.
अंशुमान मिश्रा, सहायक अभियंता (लीगल), बीइडीसीपीएल
जितना भागलपुर के उपभोक्ता चिंतित है, उससे कहीं ज्यादा यहां पटना में हम सभी. कंपनी पर कार्रवाई हुई है. आगे भी कार्रवाई होगी. हर हाल में कार्रवाई होगी. कंपनी पर होने वाली कार्रवाई अब फाइनल स्टेज में है.
प्रत्यय अमृत, सीएमडी, बीएसपीएचसीएल
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