भागलपुर: अगर आपके मीटर रीडिंग करने के लिए बिजली कंपनी के कर्मचारी सवा या डेढ़ महीने पर आते हैं, तो समझ लीजिए कि आपको चूना लगने जा रहा है. शहरी क्षेत्र में प्राय: यह शिकायत आम हो गयी है. हालांकि, अधिकतर उपभोक्ता इस बात से अनजान हैं कि अधिक दिनों पर मीटर रीडिंग उनकी जेब ढीली कर देगा.
दरअसल, यहां तो हर कोई यह सोचता है कि बिजली का कम उपयोग करेंगे, तो बिल कम आयेगा. मगर, फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल ऐसा होने नहीं दे रही है. कम खपत पर भी कंपनी उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका दे रही है. इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि कंपनी समय से मीटर रीडिंग ही नहीं करा रही. मीटर रीडिंग में देरी से उपभोक्ताओं का यूनिट बढ़ जाता है.
ऐसे उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ रेट का स्लैब बदल जाता है. बदले हुए स्लैब यानी, उन्हें ज्यादा बिल दर वाला टैरिफ के अनुसार बिल चुकाना पड़ता है. हां, ये बात भी सही है कि कंपनी चाहती है कि सभी उपभोक्ताओं का मीटर रीडिंग समय पर हो मगर, मैनपावर के अभाव में संभव नहीं हो रहा है और आखिरकार खामियाजा उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ता है.
उपभोक्ताओं को कंफ्यूजन हाे रहा है. दो माह के रीडिंग काे डिवाइड कर टैरिफ रेट पर बिलिंग किया जाता है. यह सिस्टम खुद ही करता है. फिर भी किसी-किसी का अगर ऐसा हो रहा है, तो वह खुद रीडिंग लेकर दें, तो उनका बिलिंग कर दिया जायेगा. ऐसे 30 से 45 दिन में मीटर रीडिंग और बिलिंग होता है. यह संभव नहीं है कि हर माह एक साथ सभी उपभोक्ताओं का मीटर रीडिंग कराया जाये. इसमें चालबाजी जैसी कोई बात नहीं है. फिर भी मैनेजमेंट के सामने समस्या रखी जायेगी और इसका समाधान निकाला जायेगा.
अंशुमान मिश्रा,सहायक अभियंता (लीगल), फ्रेंचाइजी कंपनी (बीइडीसीपीएल)
चालबाजी
फ्रेंचाइजी कंपनी जानबूझ कर नहीं करा रही समय से मीटर रीडिंग
यूनिट बढ़ते ही बढ़ जाता बिल रेट महंगी हो जाती बिजली
टैरिफ रेट
1 से 100 यूनिट 4.27 रुपये
101 से 200 यूनिट 5.02 रुपये
201 से 300 यूनिट 5.77 रुपये
300 यूनिट से ज्यादा 6.52 रुपये
नोट : सब्सिडी के बाद का टैरिफ रेट है. सब्सिडी 1.48 रुपये है.