भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सिंडिकेट हॉल में शनिवार को आइक्यूएसी (इंटरनल क्वालिटी एस्योरेंस सेल) व विवि के सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यो की बैठक हुई.
कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नैक से मूल्यांकन कराने पर चर्चा हुई. कुलपति ने कहा कि नैक से मूल्यांकन कराना अनिवार्य है. मूल्यांकन नहीं करायेंगे, तो यूजीसी से फंड नहीं मिलेगा. सरकार का भी पत्र आया है कि विश्वविद्यालय व कॉलेजों को 15 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से एलओआइ (लेटर ऑफ इंटेंट) जमा करना है.
उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो दुबे नैक टीम के सदस्य रह चुके हैं. लिहाजा उन्होंने नैक के मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि रिसर्च को बढ़ावा दें. शिक्षकों को शोध प्रस्ताव बना कर विभिन्न एजेंसी को भेजने को कहें. हर कॉलेज में अतिरिक्त गतिविधि को बढ़ावा दें. एनएसएस, एनसीसी, स्पोर्ट्स आदि की गतिविधि बढ़ाएं. छात्रओं को अधिक से अधिक सुविधा दें. कॉलेज कैंपस को सुंदर बनाएं. अगर इसमें कोई कठिनाई हो रही है, तो बताएं. समाधान किया जायेगा.
प्रतिकुलपति ने नैक की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों में सेमिनार व कांफ्रेंस होना आवश्यक है. रिसर्च गतिविधियों को भी बढ़ाएं. प्रतिकुलपति ने कहा कि विवि में रिजल्ट बहुत ही सावधानी से तैयार कराया जा रहा है. रिजल्ट से संबंधित कोई कठिनाई हो तो विद्यार्थी से संबंधित कागजात व आवेदन प्राप्त कर 15 दिनों के अंदर विश्वविद्यालय को जमा करें. उसका निश्चित समयावधि में समाधान कर कॉलेज को वापस किया जायेगा. छात्र-छात्रओं को विवि आने की आवश्यकता नहीं है. कुलपति के निर्देश पर विकास पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद ने नैक से मूल्यांकन कराने की विधि की जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया. डॉ अहमद ने कहा कि मूल्यांकन कराने के लिए सबसे पहले एलओआइ ऑनलाइन समिट किया जाता है. उन्होंने कहा कि नैक ने अब इसके लिए शुल्क निर्धारित किया है, जो 28090 रुपये है.
इसका ड्राफ्ट भी बनाना होगा. अपने प्रजेंटेशन में उन्होंने सातों मानक और उसके प्वाइंट के बारे में बताया. कुछ प्राचार्यो ने कॉलेजों की समस्याओं से भी अवगत कराया. वीसी ने कहा कि इसका हल तत्काल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हर कॉलेज में वे खुद जायेंगे और वहां की व्यवस्था देखेंगे. बैठक में को-चेयरमैन सह प्रतिकुलपति प्रो एके राय, सदस्य डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार, सीसीडीसी डॉ राजीव कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार प्रो ताहिर हुसैन वारसी, डॉ एसएन चौधरी, डॉ एसपी राय, राजीव कांत मिश्र, गोपाल पोद्दार, डॉ पीएन मंडल, डॉ इकबाल अहमद, प्रधानाचार्य डॉ गोपाल प्रसाद यादव, डॉ आरपीसी वर्मा, डॉ उषा कुमारी, डॉ मणिनाथ चौधरी सहित 27 कॉलेज के प्राचार्य उपस्थित थे.