भागलपुर : कोसी का डिस्चार्ज घटने के बाद पानी का दबाव कम हुआ है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पीड़ित सड़क किनारे व अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों में डूबने से 14 लोगों की मौत हो गयी. सहरसा के सौर बाजार में एक, मधेपुरा में एक, अररिया के रानीगंज प्रखंड के अलग-अलग पंचायतों में तीन लोगों की मौत डूबने से हो गयी. पूर्णिया पूर्व प्रखंड में एक, रुपौली
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पानी का दबाव कमा, लोगों की मुश्किलें नहीं
भागलपुर : कोसी का डिस्चार्ज घटने के बाद पानी का दबाव कम हुआ है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पीड़ित सड़क किनारे व अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों में डूबने से 14 लोगों की मौत हो गयी. सहरसा के सौर बाजार में एक, मधेपुरा में […]
में एक
पानी का दबाव…
बनमनखी में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी. कटिहार प्रखंड के नगर निगम क्षेत्र में एक, हसनगंज में एक, डंडखोरा में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी. किशनगंज के दिघलबैंक में आंगन में बाढ़ के पानी में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गयी. खगड़िया के बेलदौर में भी डूबने से दो लोगों को मौत हो गयी. सहरसा के सौर बाजार को छोड़ कर तीन प्रखंडों के सभी पंचायत बाढ़ के पानी में डूब गये हैं. सोनवर्षा, पतरघट व बनमा इटहरी प्रखंड के अधिकतर गांवों का आपस में सड़क संपर्क भंग हो गया है.
सुपौल जिले के तटबंध के अंदर के 188 गांवों की तो बाढ़ नियति ही बन गयी है. इस तटबंध के अंदर के लोग सड़क पर शरण लिये हुए हैं. यहां पशु व मनुष्य का अंतर मिट गया है. धान की फसल बर्बाद हो गयी है. सबसे बुरी स्थिति गर्भवती महिलाओं की है. यहां राहत कार्य फेल है. प्रशासनिक अधिकारी राहत के नाम पर खेल रहे हैं आंकड़ों का खेल. जिले के आठ प्रखंड मरौना, किसनपुर, सरायगढ़, भपटियाही, निर्मली, बसंतपुर, सुपौल, छातापुर पूरी तरह से प्रभावित हैं.
अररिया में सदर प्रखंड, रानीगंज, भरगामा, फारबिसगंज, नरपतगंज प्रखंड में बाढ़ का पानी तो घटा है, लेकिन लोगों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं. शनिवार को भी जिले में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गयी. राहत के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. राहत के नाम पर आयी खिचड़ी सबों को नहीं मिल पा रही है. खिचड़ी आते ही बाढ़ पीड़ित टूट पड़ते हैं. इसमें कई लोग खिचड़ी लेने से वंचित रह जाते हैं. मवेशी का चारा नहीं मिल पा रहा है. लोग जान जोखिम में डाल कर नाव पर सवार हो दूरदराज से मवेशी का चारा लाते हैं. पीने के पानी के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं. यही हाल कटिहार, पूर्णिया व किशनगंज प्रखंड की है. या कह सकते हैं कि सबों का एक ही दुख है. सब एक ही पत्थर से टकराते हैं, दर्द भी एक ही है.
शनिवार को डूबने से 14 की मौत
समस्तीपुर-दरभंगा रेल खंड पर परिचालन बंद
मुजफ्फरपुर में अखाड़ाघाट पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन रोका गयाबाढ़ के पानी में ़डूबने से 17 की मौत,मुजफ्फरपुर. उत्तर बिहार में बाढ़ की भयावहता बनी हुई है. बूढ़ी गंडक का पानी मुजफ्फरपुर शहर के कुछ इलाकों में घुस गया है. शहर की लाइफ लाइन अखाड़ाघाट पुल पर बड़े वाहन का प्रवेश रोक दिया गया है. उधर हायाघाट रेल पुल पर बागमती के पानी के दबाव कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेल पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है. पूर्वी चंपारण में शनिवार को मेहसी प्रखंड में
समस्तीपुर-दरभंगा रेल…
पानी घुस गया. सीतामढ़ी में लखनदेई ने तबाही मचायी है. मधुबनी के बेनीपट्टी की दर्जनभर पंचायतों का संपर्क कट गया है. शनिवार को बाढ़ में डूब कर 17 की मौत हो गयी.
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