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धन हड़प कर पिता को धक्के मार घर से भगा दिया

बेटियां तो इतनी कठकरेज नहीं होतीं… कहलगांव : नाम-श्याम साह. घर नाथनगर, नूरपुर. करीब 80 वर्षीय श्याम चार बेटियों का पिता. मां-पिता ने चारों बेटियों को बड़े लाड़-दुलार से पाला. सभी की शादी बड़े ही धूम-धाम से की. मां के गुजरते ही दो बेटियों ने कहा- पापा चलो मेरे घर. हमलोग कितनी बार आपकी सेवा […]

बेटियां तो इतनी कठकरेज नहीं होतीं…

कहलगांव : नाम-श्याम साह. घर नाथनगर, नूरपुर. करीब 80 वर्षीय श्याम चार बेटियों का पिता. मां-पिता ने चारों बेटियों को बड़े लाड़-दुलार से पाला. सभी की शादी बड़े ही धूम-धाम से की. मां के गुजरते ही दो बेटियों ने कहा- पापा चलो मेरे घर. हमलोग कितनी बार आपकी सेवा करने अपना घर-परिवार छोड़कर आपके पास आते रहेंगे.
पिता को भी बेटियों की बात भा गयी. घर-द्वार बेच-बाच कर बेटी के घर नवगछिया में जा बसे. धन हड़पते ही बेटी-दामाद ने पिता को घर से धक्के मार कर भगा दिया.
धन हड़प कर…
मेरा दाना-पानी बंद कर दिया : बिलखते श्याम ने अपनी यादों को मजबूत करते हुए बताया- घटना करीब तीन साल पहले की है. सारा धन हड़पते ही बेटी-दामाद की क्रूरता दिखने लगी. मेरा दाना-पानी बंद कर दिया गया. जब भूख से बिलखने लगा, तो एक दिन गुस्से में बेटी-दामाद से कहा- मेरा धन लौटा दो. मैं अकेले ही जी लूंगा. फिर क्या था श्याम साह को धक्के मार कर बेटी-दामाद ने अपने घर से भगा दिया. लाचार पिता शेष तीन बेटियों के पास शिकायत लेकर पहुंचा तो कोई सुनने को तैयार नहीं हुई. दो टूक लफ्जों में बेटियां बोली-जिस बेटी को धन दिया बूड्ढे उसके पास ही जा. सबने दुत्कार कर भगा दिया.
पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
पिछले 15 घंटों से श्याम कहलगांव स्थित राज घाट के पास सड़क किनारे पड़ा रहा. कोई राहगीर उसे हुलकी तक नहीं मार रहा था. कहलगांव के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर वेद प्रकाश पाठक वैदिक को सूचना दी गयी. सूचना के 15 घंटे बाद जवानों ने उसे कहलगांव अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया. इलाजरत श्याम की स्थिति अब भी नाजुक है. अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर संजय सिंह ने बताया कि रविवार शाम से ही श्याम साह के शौच के रास्ते से लगातार रक्त-स्राव हो रहा है. दवा व सुई दी जा चुकी है. स्थिति में सुधार आ रहा है.
भीख से
हुआ गुजारा
पिता पिछले चार वर्षों से शहर-गांव-घर में भीख मांग कर गुजारा कर रहा है. सावन की आखिरी सोमवारी की पूर्व संध्या पर कहलगांव उत्तरवाहिनी गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने आया. भूख-प्यास से गश खाकर सड़क किनारे ही गिर गया.
सौतेली मां ने छह वर्षीया बेटी की गला दबा कर की हत्या
सन्हौला. थाना क्षेत्र के चकनत्थु गांव में मो शमसेर की छह वर्षीया बच्ची समैया खातून को उसकी सौतेली मां बीबी आमना खातून ने बेरहमी से गला दबा कर मार डाला और शव को कुएं में फेंक दिया. रविवार की सुबह बच्ची समैया ने अपने पिता के साथ खाना खाया. उसके बाद उसके पिता और दादा जी सुबह काम करने के लिए निकल गये. मां ने उसे नहला-धुला कर खेलने के लिए छोड़ दिया. इसी बीच बच्ची की सौतेली मां उसे अपने घर बुला कर ले गयी और गले में रस्सी का फंदा लगा कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी.
सौतेली मां ने…
शव को छुपाने के लिए उसे बोरे में बंद कर गांव के दक्षिण बिचली बगीचा के पास एक पुराने कुएं में डाल दिया और उसके परिवार वालों को भनक तक नहीं लगी. दोनों सौतन अलग-अलग घर बना कर रह रही थी. रात हो जाने पर उसके पिता और दादा जी उसे खोजने लगे. काफी खोजबीन के बाद समैया खातून का कुछ पता नहीं चला, तब गांव के मस्जिद में इसके बारे में माइकिंग की गयी.
तब ग्रामीणों में चर्चा होने लगी, चर्चा में खेत में काम कर रहे मजदूर ने बताया कि समैया खातून की सौतेली मां बोरा में कुछ बांध कर गांव के दक्षिण बहियार स्थित बगीचा में गयी थी. ग्रामीणों की संदेह पर बगीचा के पास रात में ही खोज के दौरान कुएं से बच्ची का शव बरामद हुआ. घटना की सूचना पाकर प्रभारी थानाध्यक्ष पुराण टुड्डू पुलिस बल के साथ पहुंचे व शव को थाना ले आये और हत्यारोपित सौतेली मां बीबी आमना खातून को गिरफ्तार कर लिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेजा गया. बच्ची की अपनी मां जहां आरा के बयान पर सौतेली मां पर मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. इस घटना से गांव में शोक व्याप्त है.
सिद्धि के लिए बीमार पति
का पत्नी ने पी लिया खून
पानागढ़ (बीरभूम). कुसंस्कार और अंधवश्विास इस कदर सिर पर चढ़ा कि विवाहिता ने अपने बीमार पति की हत्या कर दी तथा तंत्र साधना के नाम पर उसके शरीर का एक-एक बूंद खून निकाल कर पी गयी. यह अमानवीय घटना बीरभूम जिले के सदाईपुर थाना अंतर्गत पापासपुर गांव की है. पुलिस ने आरोपित महिला तथा उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया. शरीर के अंगों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है. पुलिस अधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं. ग्रामीण इस घटना के बाद सकते में हैं.
सिद्धि के लिए…
पुलिस के अनुसार, पापासपुर गांव निवासी अभिजीत बागदी लंबे समय से बीमार चल रहा था. काफी इलाज के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुआ, तो उसकी पत्नी मीरा बागदी तथा सास व साले ने तंत्र-मंत्र की मदद लेनी शुरू कर दी. तंत्र साधना की सिद्धि प्राप्त करने के लिए अमावस्या से ही पत्नी ने अभिजीत के शरीर से रक्त निकालकर तंत्र साधना स्थल पर रक्तपान करने लगी. उसके इस काम में उसका भाई पवन तथा उसकी मां मदद करते थे. ग्रामीणों के दबाव में बीमार पति अभिजीत को कुछ दिन पहले ही बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती कराया गया. डॉक्टर ने जब जांच की तो अभिजीत के शरीर में रक्त की मात्रा काफी कम पायी गयी. डॉक्टर ने कहा कि स्थिति गंभीर है. मरीज को घर ले जायें. अभिजीत को घर लाकर पत्नी मीरा लगातार तंत्र साधना करने लगी.
इसी बीच अभिजीत की मौत हो गयी. मृत पुत्र अभिजीत के शरीर को देखने के बाद उसकी मां ने पुत्रवधू पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया तथा पुलिस को सूचना दी. उन्होंने कहा कि उनकी बहू मीरा उनके पुत्र को कमरे में बंधक बनाकर उस पर तंत्र साधना करती थी. अमावस्या के दिन से ही पुत्र के शरीर से रक्त निकाल कर रक्तपान करती थी. मीरा पर पागलपन सवार था. वह कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थी.
सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे तथा शव को अपने कब्जे में लिया. अभिजीत की उंगलियां कटी मिली. होंठ व शरीर के कई हिस्सों में छिद्र के निशान पाये गये. प्रथम दृष्टया लगता है कि शरीर से रक्त निकालने के लिए छेद किये गये. रक्त प्रवाह कमजोर होने पर अंगुलियां काट दी गयी, ताकि रक्त निकल सके. पुलिस ने मीरा व उसके भाई पवन को गिरफ्तार कर लिया. स्वयं मीरा ने अपनी तंत्र साधना की बात स्वीकार की है. उसने पति के रक्तपान करने की बात को भी स्वीकार किया है. अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है. तंत्र साधना वाले कक्ष से मानव खोपड़ी, मानव अंगुली तथा अन्य कई तरह के तंत्र साधना के सामान बरामद किये गये हैं.

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