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टीएमबीयू: अस्पताल में 22 जुलाई से नहीं हैं एक भी डॉक्टर, दो कॉलेजाें व 32 पीजी विभागों के 15000 छात्रों की बढ़ी परेशानी

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में इलाज बंद है. न डॉक्टर है और न ही जांच करनेवाले. 22 जुलाई को चिकित्सक की संविदा अवधि समाप्त होने के बाद चिकित्सक अस्पताल छोड़ चली गयी. अस्पताल में कोई दवा नहीं बची है. विश्वविद्यालय के तकरीबन 15 हजार छात्रों, शिक्षकों, पदाधिकारियों व कर्मचारियों के सामने परेशानी […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में इलाज बंद है. न डॉक्टर है और न ही जांच करनेवाले. 22 जुलाई को चिकित्सक की संविदा अवधि समाप्त होने के बाद चिकित्सक अस्पताल छोड़ चली गयी. अस्पताल में कोई दवा नहीं बची है. विश्वविद्यालय के तकरीबन 15 हजार छात्रों, शिक्षकों, पदाधिकारियों व कर्मचारियों के सामने परेशानी खड़ी हो गयी है. बारिश का मौसम होने से छात्रों को खासकर रात के समय बड़ी मुश्किल होने लगी है. विवि संविदा पर बहाल करने के लिए डॉक्टर खोज कर रहा है, लेकिन डॉक्टर को प्रतिमाह मिलने वाली राशि 20 हजार होने से कोई डॉक्टर विवि आना नहीं चाह रहा है.
दवा की नहीं हो सकी खरीदारी: विवि में क्रय समिति की बैठक नहीं होने से दवा की खरीदारी अबतक नहीं की गयी है. बैठक दो बार टाल दी गयी. नियमानुसार मार्च में ही क्रय समिति की बैठक होनी थी. इसके बाद ही अस्पताल के लिए दवा की खरीदारी की जा सकती थी. सिर दर्द, पेट दर्द, खांसी व जुकाम आदि की दवा ही अस्पताल से वितरित की जाती है.
लाखों की एक्सरे मशीन धूल फांक रही: अस्पताल में लाखों रुपये की एक्सरे मशीन वर्षों से धूल फांक रही है. मशीन पर दीवार से प्लास्टर के टुकड़े टूट-टूट कर गिर रहे हैं. एक्सरे मशीन कई जगह से टूट गयी है. कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है.
तीन लोगों के हवाले अस्पताल : विवि अस्पताल में डॉक्टर तो नहीं मिलेंगे, लेकिन ड्यूटी पर ड्रेसर, कंपाउंडर व बड़ा बाबू मिल जायेंगे. अस्पताल तीन लोगों के सहारे चल रहा है. कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर के नहीं रहने से उपचार नहीं हो रहा है. छात्र उपचार के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं रहने से वापस लौट जाते हैं.
डॉक्टर की खोज हो रही है. विवि से मिलने वाली राशि कम होने से डॉक्टर विवि में आना नहीं चाहते हैं. क्रय समिति की 26 जुलाई को बैठक बुलायी गयी है. इसके बाद दवा की खरीदारी की जायेगी.
प्रो मोहन मिश्रा, रजिस्ट्रार टीएमबीयू
अस्पताल दिखा नैक से लिया था प्वाइंट
टीएमबीयू का मूल्यांकन करने आयी नैक टीम ने अस्पताल की व्यवस्था देख सराहना की थी. मूल्यांकन के दौरान अस्पताल में डॉक्टर, कंपाउंडर व मरीज तक मिल रहे थे. अस्पताल की व्यवस्था देखने से नहीं लग रहा था कि यह विवि का ही अस्पताल है. नैक टीम के जाने बाद अस्पताल की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी.

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