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नयी पहल: सरकार पूछेगी, ज्यादा वक्त कहां दे रहे हैं अाप ?

भागलपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अमेरिका और ब्रिटेन की तर्ज पर देश में पहली बार ‘टाइम यूज सर्वे’ कराने की तैयारी कर रही है. इसमें लोगों से पूछा जायेगा कि वे अपने समय का उपयोग किस-किस काम में करते हैं. आनेवाले समय में कोई केंद्र सरकार का कर्मचारी आप के घर आयेगा और पूछेगा- […]

भागलपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अमेरिका और ब्रिटेन की तर्ज पर देश में पहली बार ‘टाइम यूज सर्वे’ कराने की तैयारी कर रही है. इसमें लोगों से पूछा जायेगा कि वे अपने समय का उपयोग किस-किस काम में करते हैं.

आनेवाले समय में कोई केंद्र सरकार का कर्मचारी आप के घर आयेगा और पूछेगा- श्रीमान, आप आज कल कैसे दिन बिता रहे हैं. दिन भर क्या क्या काम कर रहे हैं और किस काम में कितना समय खर्च कर रहे हैं. सबसे ज्यादा समय किस काम को करने में खर्च कर रहे हैं?

उल्लेखनीय है कि इस तरह के सर्वेक्षण अमेरिका और ब्रिटेन में समय-समय पर होते रहते हैं. ब्रिटेन में 2000-01 और 2014-15 में इस तरह का सर्वेक्षण किया गया था. इसमें नागरिकों से पूछा गया था कि उन्होंने विभिन्न गतिविधियों पर कितना समय खर्च किया और दिन भर के समय का इस्तेमाल कैसे करते हैं.

पनगड़िया समिति की सिफारिश

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति ने सरकार से यह सर्वे कराने की सिफारिश की है. पनगड़िया की अध्यक्षता वाली जिस टास्क फोर्स ने यह सर्वे कराने की सिफारिश की है, सरकार ने उसका गठन रोजगार के आंकड़े जुटाने की उपयुक्त विधि सुझाने के लिए किया था. पनगड़िया ने यह सिफारिश पीएमओ को दिये गये प्रजेंटेशन में की है. पीएमओ को यह सिफारिश पसंद भी आयी है.

2003 से अमेरिका में चल रहा ये सर्वे

इस सर्वे से पता चलता है कि नौकरी या रोजगार पर लोग कितना समय व्यतीत करते हैं जबकि घरेलू कार्यों जैसे बच्चों की देखभाल पर कितना समय लगाते हैं. अमेरिका में यह सर्वे 2003 से किया जा रहा है. वहां पर यह सर्वे बीएलएस यानी ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स कराता है. बीएलएस के यह सर्वेक्षण अमेरिका का सेंसस ब्यूरो कराता है.

एनएसएसओ करेगा सर्वेक्षण

सूत्रों ने संभावना जतायी है कि भारत में यह सर्वेक्षण नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन करेगा. अभी यह संगठन फिलहाल पारिवारिक सर्वेक्षण करता है और रोजगार व पारिवारिक व्यय के संबंध में भी आंकड़े जुटाता है.

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