भागलपुर: जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के इमरजेंसी से आइसीयू में जूनियर डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को मरीज की जान बचाने के लिए जो किया, उसकी जितनी तारीफ की जाये कम होगी. जिस मरीज को करैत सांप द्वारा दंश किये जाने के बाद उसके परिजनों ने झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ कर उसे मौत के मुहाने […]
भागलपुर: जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के इमरजेंसी से आइसीयू में जूनियर डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को मरीज की जान बचाने के लिए जो किया, उसकी जितनी तारीफ की जाये कम होगी. जिस मरीज को करैत सांप द्वारा दंश किये जाने के बाद उसके परिजनों ने झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ कर उसे मौत के मुहाने पर ला दिये थे.
उसे मायागंज हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी लगन, मेहनत व काबिलियत के बूते मौत के मुंह से खींच लाये. संप्रति आइसीयू में भरती सर्पदंश का मरीज अब तेजी से रिकवर कर रहा है. चिकित्सकों के अनुसार उसकी जान बचना लगभग पूरी तरह से तय है.
झाड़-फूंक के चक्कर में बिगड़ी शोएब की हालत, जूनियर डॉक्टरों ने संभाला : सन्हौला प्रखंड के बखड्डा गांव के मकसूद आलम का पुत्र शोएब अख्तर (15) सोमवार को मदरसे में पढ़ने गया था. 17/18 जुलाई की रात में मदरसे में अन्य छात्रों के साथ वह सोया था. रात दो बजे उसे करैत सांप ने डस लिया. हालत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल ले जाने के बजाय धोरैया प्रखंड के जयपुर गांव में झाड़ फूंक कराने के लिए ले गये. मंगलवार की सुबह सात बजे तक झाड़ फूंक से शोएब की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गयी. परिजन मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे मायागंज लेकर आये. यहां इमरजेंसी के मेडिसिन वार्ड में शोएब को भरती कराया गया. यहां पर तैनात जूनियर चिकित्सक डॉ राकेश, डॉ अमनदीप, डॉ अभिषेक व डॉ सुरभि ने हार नहीं मानी. बुधवार की सुबह विजिट पर पहुंचे डॉ हेमशंकर ने जूनियर डॉक्टरों के मेहनत की सराहना की और शोएब को तत्काल आइसीयू रेफर कर दिया. यहां डॉ संजीव कुमार ने शोएब के इलाज की जिम्मेदारी उठा ली. समाचार लिखे जाने तक शोएब की स्थिति में सुधार जारी था.
शोएब को जब लाया गया था तो सर्पदंश के कारण हुए न्यूरो डिसआर्डर के कारण उसकी पलक गिर गयी थी. दिल की धड़कन 40 के करीब पहुंच गया था तो उसका बीपी बहुत नीचे तक आ गया था. पहले दो घंटे में उसे 15 एंपुल एंटी स्नेक वेनम दिया गया. 45 मिनट पर एट्रोपिन और हर 15 मिनट पर नियो एस्टीमिन का इंजेक्शन दिया जा रहा है. मरीज तेजी से रिकवर कर रहा है. गुरुवार तक उसके बारे में स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा.
डॉ संजीव कुमार, (आइसीयू में इलाज करने वाले चिकित्सक)