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परबत्ता थानाध्यक्ष सस्पेंड, बिहपुर सीआइ से स्पष्टीकरण
भागलपुर : नवगछिया के परबत्ता थानाध्यक्ष ओम प्रकाश दुबे को रेंज डीआइजी विकास वैभव ने सोमवार को सस्पेंड कर दिया. परबत्ता के बोड़वा निवासी हरिलाल मंडल की बेटी के अपहरण मामले में समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने और हरिलाल द्वारा दिये गये आवेदन से एक व्यक्ति का नाम हटाने के लिए कहने का आरोप […]
भागलपुर : नवगछिया के परबत्ता थानाध्यक्ष ओम प्रकाश दुबे को रेंज डीआइजी विकास वैभव ने सोमवार को सस्पेंड कर दिया. परबत्ता के बोड़वा निवासी हरिलाल मंडल की बेटी के अपहरण मामले में समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने और हरिलाल द्वारा दिये गये आवेदन से एक व्यक्ति का नाम हटाने के लिए कहने का आरोप थानाध्यक्ष पर था. निलंबन के दौरान परबत्ता थानाध्यक्ष का मुख्यालय नवगछिया पुलिस लाइन होगा. नवगछिया एसपी के छुट्टी पर होने की वजह से परबत्ता थाना में नया थानाध्यक्ष नहीं बनाया जा सका है. डीआइजी ने नवगछिया सर्किल इंस्पेक्टर मार्कण्डे सिंह को फिलहाल थाना पर कैंप कर प्रभार में रहने का निर्देश दिया है.
अपराध समीक्षा रिपोर्ट समय पर नहीं भेजी
डीआइजी ने नवगछिया के बिहपुर सर्किल इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह की लापरवाही को देखते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने मासिक अपराध समीक्षा रिपोर्ट समय पर नहीं भेजी जिस वजह से मासिक अपराध गोष्ठी की रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं भेजी जा सकी. नवगछिया एसपी ने आठ जुलाई को मासिक अपराध गोष्ठी की थी. डीआइजी ने सीआइ से तीन दिनों के अंदर इस लापरवाही को लेकर स्पष्टीकरण सौंपने को कहा है. स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होने पर उन पर कार्रवाई हो सकती है.
क्या है मामला
परबत्ता थाना क्षेत्र के बोड़वा के रहने वाले हरिलाल मंडल ने सोमवार को डीआइजी से मुलाकात कर आवेदन दिया जिसमें लिखा कि उसकी बेटी पुष्पलता भारती का 15 जुलाई को अपहरण कर लिया गया. उसने बिहपुर के गुरदीपुर दधैला निवासी धनंजय मंडल के अलावा अन्य लोगों पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाया. हरिलाल का कहना है कि वह आवेदन लेकर परबत्ता थाना गया तो थानाध्यक्ष ने कहा कि आवेदन से गोपी मंडल का नाम हटाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. उसे लौटा दिया गया. उसकी बात सुनने पर डीआइजी ने परबत्ता थानाध्यक्ष से फोन पर इस मामले से संबंधित स्पष्टीकरण पूछा तो उसने कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, अभी पता किया जा रहा है. थानाध्यक्ष द्वारा समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करना उनकी स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहीनता माना गया. उन्हें एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी मानते हुए सस्पेंड किया गया.
पहले दिये निर्देश, लापरवाही पर बख्शे नहीं जायेंगे
रेंज डीआइजी विकास वैभव ने भागलपुर में योगदान देने के साथ ही एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और थानाध्यक्षों को भेजे गये निर्देश में साफ कह दिया था कि पांच बिंदुओं पर शिकायत मिलने पर वे संबंधित पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
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