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हवा में झूल रहे तार, जान पर आफत
भागलपुर: हाइटेंशन लाइन अब लोगों को टेंशन देने लगा है. लोगों की जान पर बन आयी है. फ्रेंचाइजी कंपनी के तीन साल के कार्यकाल में हाइटेंशन लाइन के नीचे न तो गार्ड वायर लगे और न ही पोल रंगे गये हैं, जिसके चलते तार हवा में झूल रहे हैं. कई जगहों पर तो पोल टेढ़ा […]
भागलपुर: हाइटेंशन लाइन अब लोगों को टेंशन देने लगा है. लोगों की जान पर बन आयी है. फ्रेंचाइजी कंपनी के तीन साल के कार्यकाल में हाइटेंशन लाइन के नीचे न तो गार्ड वायर लगे और न ही पोल रंगे गये हैं, जिसके चलते तार हवा में झूल रहे हैं.
कई जगहों पर तो पोल टेढ़ा होने से उस पर लगे हाइटेंशन तार बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं. पहले फ्रेंचाइजी कंपनी का कहना था कि उन्हें जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर मिला है, जिसको दुरुस्त करने में कम से कम तीन साल लगेगा. तीन साल पूरा हो गया, तो अब कहना है कि स्मार्ट सिटी में अंडरग्राउड का प्रोजेक्ट बना है और इसको सौंप भी दिया गया है. मगर, प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो सका है. जर्जर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की स्थिति जस की तस है. गली-मुहल्ले सहित मुख्य सड़कों पर अक्सर तार टूट कर गिरने की घटना होती रहती है.
शहर में तीन तरह की लाइनें
शहर में तीन तरह की लाइनें हैं. 33 हजार, 11 हजार एवं लो टेंशन लाइनें. जब कभी आंधी-तूफान आता है, तो 33 हजार वोल्ट का तार गिरने की आशंका बनती है. मगर 11 हजार वोल्ट और लो टेंशन तार कब गिर जाये, इसका अनुमान लगाना कठिन है. कभी भी कहीं भी तार टूट कर गिर जाता है और इसकी चपेट में लोग आ जाते हैं. कुछ दिन पहले मुंदीचक में तार गिरने से एक वृद्ध की मौत हो गयी थी. इससे पहले फ्रेंचाइजी के कार्यकाल में ही कई लोगों पर तार गिरे हैं. रोड क्रॉसिंग वाली जगहों पर तो हाइटेंशन लाइन के नीचे गार्ड वायर लगाने की सबसे ज्यादा जरूरत है, ताकि तार टूटने के बाद वाहनों पर न गिरे. मगर इन जगहों को भी फ्रेंचाइजी कंपनी ने नजरअंदाज कर दिया है.
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