भागलपुर : गंगा किनारे बसा भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज और इसके पड़ोस में स्थित जियाउद्दीनपुर चौका कटाव के दहशत से उबर नहीं पाया है. वजह यह है कि जल संसाधन विभाग की ओर से किये गये कटाव निरोधी कार्य में चौड़ी दरार को भर कर बोल्डर पीचिंग को मजबूत नहीं किया गया है. इससे इंजीनियरिंग कॉलेज पर खतरा बरकरार दिख रहा है और जियाउद्दीनपुर चौका गांव के लोग दहशत में हैं. दूसरी ओर नवगछिया के मदरौनी के शिव मंदिर के पीछे भी बोल्डर पीचिंग
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खतरे में इंजीनियरिंग कॉलेज दहशत में जियाउद्दीनपुर चौका
भागलपुर : गंगा किनारे बसा भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज और इसके पड़ोस में स्थित जियाउद्दीनपुर चौका कटाव के दहशत से उबर नहीं पाया है. वजह यह है कि जल संसाधन विभाग की ओर से किये गये कटाव निरोधी कार्य में चौड़ी दरार को भर कर बोल्डर पीचिंग को मजबूत नहीं किया गया है. इससे इंजीनियरिंग कॉलेज […]
खतरे में इंजीनियरिंग…
में पिछले तीन-चार दिनों से धंसान होने लगा है, जिससे जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की नींद उड़ गयी है. यह गांव कोसी नदी के किनारे स्थित है. बाढ़ आने से पहले कटाव काफी तेजी से होता है और मॉनसून दस्तक दे चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि अब कटाव शुरू होगा और दरार के कारण कटाव की पूरी संभावना बनी हुई है. एक तरफ गंगा का जलस्तर प्रतिदिन तीन से चार सेंटीमीटर बढ़ रहा है. दूसरी ओर कोसी नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 25 सेमी बढ़ कर शनिवार को 26.25 मीटर हो गया.
कहीं भागलपुर के हाथ से न निकल जाये ट्रिपल आइटी :
राष्ट्रीय स्तर की संस्था ट्रिपल आइटी की सौगात भागलपुर को मिली है. इसकी स्थापना इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस में किये जाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. लेकिन, इंजीनियरिंग कॉलेज पर बाढ़ और कटाव के संकट से यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं भागलपुर के हाथ से यह संस्थान निकल न जाये. हालांकि ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो पिनाकेश्वर महंता का कहना है कि बाढ़ से बचाव के लिए उपाय किये जायेंगे. दूसरी ओर ट्रिपल आइटी के पास भी कटाव की समस्या का समाधान नहीं है.
कटाव निरोधी कार्य में दरार को खतरनाक मान रहे ग्रामीण
नवगछिया के मदरौनी शिव मंदिर के पीछे भी तीन-चार दिनों से हो रहा है कटाव
मॉनसून सत्र में उठेगा कटाव का मामला : सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कटाव को लेकर चिंता जतायी. उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे कटाव का मामला पहले भी संसद में उठा चुके हैं. कटाव में दरार खतरनाक हो सकता है. इससे गांव प्रभावित हो सकता है. 12 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होनेवाला है. इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज समेत कटाव पीड़ित क्षेत्र में स्थायी समाधान के लिए मामला उठाया जायेगा.
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