टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े कारोबारियों का संपर्क अभियान शुरू हो गया है. शीघ्र ही बैठक होगी और ठोस रणनीति बनायी जायेगी. उत्पादक मंडियों से भी संपर्क किया जा रहा है. वहां के कारोबारियों का आंदोलन शुरू हो चुका है. टेक्सटाइल चेंबर से जुड़े कपड़ा कारोबारी विमल केडिया ने बताया कि कपड़ा कारोबारी पहले से ही वैट का विरोध कर रहे हैं. अब जीएसटी लगा कर कपड़ा बाजार को महंगाई की ओर धकेला जा रहा है. कपड़ा कारोबारी शशि भुवानिया ने बताया कि जीएसटी में कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है. जीएसटी लागू होने पर कपड़ा कारोबार सीमित हो जायेगा.
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जीएसटी को लेकर असमंजस बरकरार
भागलपुर: देश के विभिन्न क्षेत्र में जीएसटी के विरोध में कपड़ा कारोबारियों का आंदोलन शुरू हो चुका है. इसका असर भागलपुर में दिखने लगा है. टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से जीएसटी को लेकर जल्द ही एक बैठक होगी. टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी बताते हैं कि कपड़ा कारोबारी पर अब तक किसी […]
भागलपुर: देश के विभिन्न क्षेत्र में जीएसटी के विरोध में कपड़ा कारोबारियों का आंदोलन शुरू हो चुका है. इसका असर भागलपुर में दिखने लगा है. टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से जीएसटी को लेकर जल्द ही एक बैठक होगी. टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी बताते हैं कि कपड़ा कारोबारी पर अब तक किसी प्रकार का कोई वाणिज्यकर लागू नहीं था. वे इस प्रक्रिया से नहीं गुजरते थे. उन पर अचानक जीएसटी लागू होने की सूचना से सभी कपड़ा कारोबारी परेशानी महसूस कर रहे हैं.
उपाध्यक्ष सुनील जैन का कहना है कि एक माह में तीन रिटर्न पूरे साल में 37 रिटर्न देने की बात आयी है. कंप्यूटर और टैक्सेसन के जानकार अकाउंटेंट के बिना रिटर्न दिया जाना संभव नहीं होगा. यह अतिरिक्त खर्च भी बढ़ायेगा और व्यापारियों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई में उलझा देगा. इस बात को लेकर व्यापारी वर्ग परेशानी महसूस कर रहा है. उन्हें कहीं भी समाधान नहीं मिल रहा है.
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