लापरवाही. जिले में राम भरोसे चल रही यातायात व्यवस्था
Advertisement
फाइलों में नियम, सड़क पर आजादी
लापरवाही. जिले में राम भरोसे चल रही यातायात व्यवस्था बेगूसराय : यातायात व परिवहन नियमों से इतर राम भरोसे चल रही है जिले में यातायात व्यवस्था. जिधर से मन करे आइए और जिधर से मन करे जाइए. न कोई रोकने वाला और न ही टोकने वाला. यह हाल न सिर्फ शहर का ही, बल्कि एनएच […]
बेगूसराय : यातायात व परिवहन नियमों से इतर राम भरोसे चल रही है जिले में यातायात व्यवस्था. जिधर से मन करे आइए और जिधर से मन करे जाइए. न कोई रोकने वाला और न ही टोकने वाला. यह हाल न सिर्फ शहर का ही, बल्कि एनएच 31, 28 और एसएच 55 जैसे तमाम सड़कों का बना हुआ है. भले ही हाइवे से शहर अथवा बाजार की ओर मुड़ने वाली सडकों का ही मोड़ क्यों न हो बस संभल कर चलने में ही भलाई है. ऐसा लगता है जैसे यहां के लोगों को उनके ही बुद्धि विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वे संभलकर चलें. हां इतना भर ख्याल रखा गया है कि अब नयी बनने वाली सड़कों में स्कूल अथवा अस्पताल के पास यातायात संकेतक लगाये जा रहे हैं. लेकिन स्थिति देखिए कि कोई दिन ऐसा नहीं बीतता जब जिले में कहीं न कहीं कोई सड़क दुर्घटना न हो.
बदलते समय के साथ यातायात के संसाधनों में भी बदलाव आया है. लोगों की सुविधाएं बढ़ने लगी. सड़क चिकनी और चौड़ी हुई, रफ्तार भी बढ़ने लगी, लेकिन खतरे भी उतने ही बढ़ने लगे. सड़क दुर्घटना रोज की खबर बनने लगी. व्यवस्था सुधार के बदले मुआवजे तक ही समझौता होता रहा. लेकिन यातायात प्रबंधन पर शायद किसी की नजर भी नहीं जाती.
जुगाड़ पर सिस्टम, जुगाड़ पर फिटनेस : भले ही वाहनों के फिटनेस के लिये सरकार ने कड़े नियम बना दिये हों ,लेकिन सड़क पर तो अपनी आजादी है. फिटनेस की चली संस्कृति ने एक परंपरा का रूप ले लिया है और परंपरागत जुगाड़ से दिया जाता है गाड़ियों का फिटनेस. न कोई जांच की व्यवस्था और ना ही कोई पैमाना, बस एक मात्र भरोसा. एक सिस्टम पूर्व से डेवलप है उसके तहत सबकुछ एक व्यवस्था के अनुरूप सुचारू ढंग से चला करता है. ड्राइविंग लाइसेंस बनने की अपनी प्रक्रि या है,
तो फिटनेस लेने की अपनी. सिस्टम का आदर कीजिए अपना काम आराम से कराइए. वैसे हाल के दिनों में स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस देने में नया रिवाज बना है. चालक को निरीक्षक के समक्ष ट्रायल देना पड़ता है. भले ही विकास के पहिये के साथ सड़कें चिकनी व चौड़ी होती जा रही हैं. हाल के दिनों में बड़े व नये वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. नये-नये मॉडल की तरह-तरह की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती दिख जाती हैं. लेकिन अब भी सड़कों पर दौड़ती दिखती है कबाड़ गाड़ियां धुआं उगलती विभिन्न सुरों में आवाज लगातीं. लेकिन, हाकिमों की नजर नहीं पड़ती इन गाड़ियों पर. जो लोगों की परेशानियों का कारण बनती हैं.
रफ्तार पर नहीं लग पा रहा है विराम : गाड़ियों की बढ़ी आवाजाही के बावजूद रफ्तार पर विराम लगाने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. शहर में तो कहीं ट्रैफिक नियम को भी फ्लो नहीं किया जाता और न ही इस पर नजर रखने के लिये कहीं ट्रैफिक पुलिस तक की व्यवस्था है. जिधर से मन किया उधर से गुजर गये. सुरक्षित बच गये आप तो बस ईश्वर की कृपा है. वैसे भी शहर के बीचो-बीच जहां भी ट्रैफिक पुलिस के लिये पूर्व से ट्रैफिक पोस्ट बना हुआ है, वहां बेधड़क सब्जियां बेची जाती हैं और पुलिस वाले भी उसे रोकने तक की जरूरत नहीं समझते. उधर, जिले के एनएच सड़क सहित कई हाइवे को गुजार तो दिया गया, लेकिन अब तक यहां के लोगों को टैफिक के नियमों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी.
क्या कहते हैं अधिकारी
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों मालिकों-चालकों को जुर्माना किया जाता है. शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में पुलिस कप्तान व नगर निगम खुद सकारात्मक पहल कर रहे हैं. व्यवस्था में काफी बदलाव हुआ है.इस मामले को लेकर परिवहन विभाग भी लगातार अभियान चला रहा है.
एससी मिश्रा, यातायात प्रभारी, बेगूसराय
दौड़ रही अनिफट गाड़ियां
जब राजस्व पूर्ति की बात होती है तो ट्रैक्टर, ट्रॉली आदि की सघन जांच की जाती है. अन्यथा बेरोकटोक सड़कों पर दौड़ा करती हैं अनिफट गाड़ियां. हाइवे पर पेट्रोलिंग के मामले में स्टेट हाइवे व नेशनल हाइवे के उन हिस्सों में जो जिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, स्थानीय पुलिस की पैट्रोलिंग देखी जाती है. लेकिन हाइवे पर गाड़ियों के फिटनेस वगैरह की जांच यदा-कदा होती है.बख्से नहीं जायेंगे कानून हाथ में लेनेवाले : विधायक
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement