बखरी : इश्क के अंजाम से अंजान ज्योति की जिंदगी दांव पर है . उसके प्रेमी ने शादी के चंद माह बाद ही उसके साथ मारपीट व गाली गलौज करना शुरू कर दिया. इस व्यवहार से मायूस हो जब ज्योति अपने मायके पहुंची तो वहां भी उसे निराशा हाथ लगी. वह मासूम आज बखरी थाने में रोशनी की एक किरण तलाश रही है.
यह दास्तां है चकहमीद पंचायत के बहोरचक गांव निवासी जयकृष्ण महतो की बेटी ज्योति कुमारी की . बखरी के रामपुर कॉलेज में इंटर की पढ़ाई करते हुए उसकी आंखें बहोरचक निवासी जयजय राम यादव के बेटे सुभाष कुमार यादव से चार हो गयी. जाती और समाज के भय की दहलीज को लांघते हुए 18 जनवरी 2016 को मुंगेर कोर्ट में दोनों शादी के बंधन में बंध गये. गांव में बबाल हुआ और पंचायत ने लड़की के परिवार वालों को तुगलकी फरमान जारी किया कि अगर लड़की को स्वीकार किया तो अंजाम बुरा होगा .
इस बीच ज्योति और सुभाष बेगूसराय में रहने लगे. सुभाष बेगूसराय स्टेशन रोड स्थित एक कॉस्मेटिक की दुकान में बतौर सेल्समैन काम करने लगा. इसके अलावा वह छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता था .बकौल ज्योति इस 9 -10 महीने के दौरान सब कुछ ठीक था लेकिन धीरे-धीरे खटास बढ़ने लगी.