24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ग्राम कचहरियों को अपना भवन नहीं

अनदेखी. छायादार पेड़ ,खलिहान व दालान से जैसे-तैसे कामकाज निबटा रहे सरपंच साहब ग्राम कचहरियों को आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है. निर्वाचित प्रतिनिधि किसी तरह से छायादार पेड़ के नीचे, खलिहान अथवा दालान से कामकाज निबटाते हैं. इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रखंड क्षेत्र में दस […]

अनदेखी. छायादार पेड़ ,खलिहान व दालान से जैसे-तैसे कामकाज निबटा रहे सरपंच साहब

ग्राम कचहरियों को आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है. निर्वाचित प्रतिनिधि किसी तरह से छायादार पेड़ के नीचे, खलिहान अथवा दालान से कामकाज निबटाते हैं. इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रखंड क्षेत्र में दस पंचायतें हैं. इन तमाम पंचायतों की स्थिति एक जैसी है.
छौड़ाही : ग्राम कचहरियों को सशक्त बनाये जाने को लेकर राज्य की सरकार और विभाग आज तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. लिहाजा आजादी 69 वर्षों बाद भी ग्राम कचहरियों को आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है. परिणाम है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुए सरपंच साहब किसी तरह से छायादार पेड़ के नीचे, खलिहान अथवा दालान से कामकाज निबटाने को विवश हैं.
आलम यह है कि अधिकतर ग्रामीण स्तर के छोटे-छोटे मामले भी थाने पहुंच जा रहे हैं. न्याय की कुरसी पर बैठे सरपंच साहब अपनी भूमिका अदा कर पाने में भारी कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में दस पंचायतें हैं. इन तमाम पंचायतों की स्थिति एक जैसी है.
कमोबेश ग्राम कचहरी के सभी तरह के मामले लगभग सभी सरपंच अपने घर दरवाजे से ही कर पा रहे हैं. पंचायत के बनावट के हिसाब से वाद दायर हो पाने के बाद निर्धारित तिथि को पंच सदस्य भी स्थल तक पहुंच पाने में कठिनाई महसूस करते हैं. ऐसे में यह जानने की कोशिश की गयी कि आखिर कहां-कहां परेशानी हो रही है और इन परिस्थितियों से कैसे निबटा जाय.
क्या कहते हैं सरपंच
ग्राम कचहरी के लिए कोई निर्धारित स्थान या भवन नहीं होने से चुनाव के बाद नये सरपंच के निर्वाचित होने के साथ स्थान बदल जाता है. परंतु संसाधनों के अभाव में ग्राम कचहरी का कामकाज निबटाना चुनौती है.
दिलीप कुमार चौरसिया, नवनिर्वाचित सरपंच, ग्राम पंचायत सिहमा
सरपंच के लिए अपना सरकारी भवन नहीं रहने से भारी दिक्कत होती है. खासकर कई बार ऐसा होता है जब सरपंच साहब को खेत-चौक-चौराहों से खोजना पड़ता है. समय और अपना काम दोनों बाधित होता है.
रामसोहन सिंह, ग्रामीण, सिहमा
कानूनी कामकाज के लिए ग्राम कचहरी का अपना भवन इस जमाने में भी नहीं होना चिंता का विषय है. किसी सार्वजनिक स्थान अथवा निजी दालान से इस तरह के दायित्वों का निर्वहन करना बड़ी चुनौती है. अगर सरकार ग्राम कचहरी को सुदृढ़ करने की ओर सकारात्मक कदम नहीं उठायेगी तो आम लोगों को न्याय के प्रति भरोसा नहीं हो सकेगा.
मो शौकत अली, नवनिर्वाचित सरपंच, ग्राम पंचायत ऐजनी
सरपंच एक महत्वपूर्ण पद है. अगर ग्राम कचहरी सशक्त हो जाय तो आधे से अधिक समस्याओं का निबटारा यहीं हो जायेगा. और थाना पुलिस न्यायालय में बढ़ रहे मुकदमे की संख्या में भी कमी होगी. सरकार को इस ओर विशेष ख्याल करना चाहिए.
चिंकू सिंह, ग्रामीण, मालपुर
आइपीसी की लगभग एक सौ धारा में ग्राम कचहरी के सरपंचों को देखने का अधिकार दिया गया है. अगर फिर भी कोई मामला थाने तक आता है तो हमलोग सिर्फ इंट्री कर वापस सरपंच साहब के यहां ही भेज देते हैं.
सर्वजीत कुमार, थानाध्यक्ष, छौड़ाही
क्या कहते हैं बीडीओ
ग्राम कचहरियों के भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. फिलहाल सरपंच के बैठने एवं न्यायिक कार्य निबटाने के लिए पंचायत भवन में व्यवस्था कराया जायेगा.
राजदेव रजक, बीडीओ,छौड़ाही प्रखंड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें