।। विपिन कुमार मिश्र ।।
बेगूसराय : जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. नतीजा है कि अपराध व अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं पर नहीं लग रहे विराम से आम लोगों में दहशत बढ़ती जा रही है. लोगों का पुलिस प्रशासन पर से विश्वास उठता जा रहा है.
मंगलवार की रात गढ़हारा सहायक थाने के पिपराडीह में घटित घटना भी पुलिस प्रशासन की विफलता को दरसाता है. अगर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया होता, तो होनहार युवक अमलेश कुमार अपराधियों के निशाने पर नहीं आता.
बताया जाता है कि पिपराडीह स्थित मछली सेंटर के मालिक रामानुज राय से बीहट मसलनपुर टोला निवासी राजेश सिंह के पुत्र कमलेश व उसके साथियों द्वारा 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी गयी थी. इसे देने में श्री राय ने असमर्थता जाहिर की थी. इसके बाद अपराधियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद 17 जून को कमलेश व उसके साथियों ने दुकान पर गोलीबारी भी की थी.
इस बात की शिकायत करने पर उसी दिन घर जाने के क्रम में रामानुज राय पर प्राणघातक हमला किया गया था, जिसमें वे बाल-बाल बच गये. बाद में श्री राय ने घटना की प्राथमिकी गढ़हारा थाने में 277/13 के तहत दर्ज कराते हुए कमलेश व उसके पांच साथियों को नामजद किया था.
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने यदि इसे गंभीरता से लिया होता और नामजद अपराधियों पर कार्रवाई की गयी होती, तो अमलेश मौत के मुंह में नहीं जाता. अपराधियों का निशाना रामानुज राय ही थे. लेकिन, उनकी अनुपस्थिति में निर्दोष अमलेश की जान चली गयी. इस घटना के बाद लोगों का आक्रोश गढ़हारा पुलिस के प्रति स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था.
आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए घंटों पुलिस व जिला प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ी. इससे पूर्व मंगलवार की रात अपराधियों ने नगरा थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था को धता बताते हुए निर्दोष पान दुकानदार अरुण कुमार साह की गोली मार कर हत्या कर दी थी.