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हािकम का घंटों इंतजार करते रहते हैं फरियादी

लापरवाही. हाकिमों एवं कर्मियों के आने-जाने की कोई समय सीमा ही नहीं, अपनी मर्जी से आते-जाते हैं हाल बलिया प्रखंड कार्यालय का बलिया : बलिया प्रखंड के ज्यादातर कार्यालय इन दिनों प्रभारी पदाधिकारियों के भरोसे चलने के कारण बाबुओं का न आने का समय है न जाने का टाइम. क्षेत्र के दूर-दराज की पंचायतों से […]

लापरवाही. हाकिमों एवं कर्मियों के आने-जाने की कोई समय सीमा ही नहीं, अपनी मर्जी से आते-जाते हैं

हाल बलिया प्रखंड कार्यालय का
बलिया : बलिया प्रखंड के ज्यादातर कार्यालय इन दिनों प्रभारी पदाधिकारियों के भरोसे चलने के कारण बाबुओं का न आने का समय है न जाने का टाइम. क्षेत्र के दूर-दराज की पंचायतों से प्रखंड के विभिन्न कार्यालयों में अपनी समस्याओं को लेकर आनेवाले लोग हाकिमों के इंतजार में बैठे-बैठे मायूस होकर घर लौट जाते हैं. भले ही सरकारी कार्यालयों का खुलने का समय 10 बजे एवं छुट्टी होने का समय चार बजे है, लेकिन 14 पंचायतों वाले जिले का बलिया प्रखंड कार्यालयों में हाकिमों एवं कर्मियों के आने-जाने की कोई समय सीमा ही नहीं है.
वे अपनी मर्जी से आते हैं व अपनी मर्जी से जाते हैं. इन्हें न कोई रोकने वाला न कोई टोकने वाला है. जबकि सरकार की सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने और विकास कार्याें को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का जिम्मा प्रखंड कार्यालय को ही रहता है. वैसे तो बलिया अनुमंडल मुख्यालय हैं, जहां प्रखंड, अंचल, बीआरसी, कृषि भवन, मनरेगा, बाल विकास परियोजना, आरटीपीएस सहित अन्य कई महत्वपूर्ण विभागों के कार्यालय स्थापित है. गुरुवार को जब प्रभात खबर के लाइव रिपोर्टर ने कार्यालयों की समीक्षा की तो परत-दर-परत इन कार्यालयों की पोल खुलती गयी.
समय 10:25 बजे – घड़ी में 10:25 बजे हैं. प्रखंड कार्यालय के सभी कमरों में ताला लटका हुआ है. एक मुलाजिम अंचल कार्यालयों का कमरा खोलने में मशगूल है. कैमरे का फ्लैश चमकते ही वह हड़बड़ा गया. उसने लड़खड़ाती जुबान से पूछा भैया फोटो क्यों खींच रहे हैं. सभी लोग आते ही होंगे. हम तो समय पर आ ही गये हैं. कुछ होगा तो हमारे बाल-बच्चे का क्या होगा. इतना कह कर वह बारी-बारी अंचल कार्यालय से संबंधित सभी कमरों का ताला खोलने लगा. उस समय अंचल एवं प्रखंड कार्यालय पूरी तरह वीरान सा दिख रहा था. न ही कोई बाबू कार्यालय पहुंचे थे और न ही कर्मी. प्रखंड कार्यालय के आसपास के प्रधानमंत्री आवास सहायक,
निर्वाचन शाखा, नजारत सभी बंद थे. तभी मंसेरपुर निवासी राम किशोर पंडित ने प्रखंड कार्यालय के अंदर प्रवेश किया. सभी कार्यालयों के कमरे बंद देख वह वापस जाने लगा. पूछने पर पता चला कि उन्हें अपनी जमीन की रसीद कटानी है, जिसके लिये वे कर्मचारी रामनरेश सिंह को खोज रहे थे. उन्होंने बताया कि पांच दिनों से लगातार आ रहे हैं, कभी मुलाकात होती है कभी नहीं, लेकिन हमारा काम अभी तक नहीं हुआ है.
समय 10:40 बजे- अभी 10:40 बजे हैं. ठंड धीरे-धीरे घटती जा रही है. बीआरसी भवन में अनुसेवक आत्म प्रकाश झा बाहर कुर्सी पर बैठ धूप सेक रहे हैं. सभी कमरों का ताला खुला है. बीईओ साहब के कमरे का बंद दरवाजा उनका इंतजार कर रहा है. जिन-जिन दरवाजों का ताला खुला है उसमें एक भी कर्मी उपस्थित नहीं थे. यह वही कार्यालय है जहां से क्षेत्र के सभी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था एवं मध्याह्न भोजन की मॉनीटरिंग की जाती है. पर साहब प्रभार में होने के कारण अधिकतर दिन गायब ही रहते हैं.
जबकि सप्ताह में तीन दिन क्रमश: सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को उन्हें बलिया का काम निबटाना है. वहीं बीआरपी सुनील कुमार एवं राजीव कुमार का क्षेत्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए लगने वाले शिविर में भाग लेने एवं डाटा ऑपरेटर विनोद पासवान का बेगूसराय में मीटिंग में जाने एवं प्रखंड मध्याह्न भोजन प्रभारी पवन कुमार पासवान का क्षेत्र में होने की बात बतायी गयी. जबकि अन्य बीआरपी अभी तक नहीं पहुंचे थे.
घड़ी की सूई 10:58 पर- अभी 10:58 बज रहे हैं. प्रखंड परिसर स्थित ई कृषि भवन का मेन गेट का ताला खुला हुआ है, लेकिन पदाधिकारियों एवं कर्मियों के कमरों में ताला लटका हुआ है. एक भी कर्मी अभी तक कार्यालय नहीं पहुंचे हैं कुछ किसान आ रहे हैं और कर्मियों को न देख लौट जा रहे हैं. किसान बताते हैं अभी रबी फसल की बोआई चल रही है. ऐसे में 11:00 बजने को है अभी तक कोई कर्मी नहीं है. किसानों के काम का निबटारा कैसे होगा. बलिया एवं डंडारी प्रखंड के प्रभार में रहे बीएओ शिवशंकर ठाकुर से जब दूरभाष पर बात की गयी तो उन्होंने बताया कि डंडारी प्रखंड के राजोपुर में किसानों की धान फसल सब्सिडी भेजने के काम के लिए आये हैं.
घड़ी की सूई 11:05 पर- अभी दिन के 11:05 बजे हैं. मनरेगा भवन में पीओ बिंदु कुमारी, लेखापाल आरती गुप्ता का बंद ऑफिस का कमरा उनका इंतजार कर रहा है. कार्यपालक सहायक पिंटू कुमार, डाटा ऑपरेटर श्रीकांत पाल, जेई राकेश रंजन अपने-अपने काम काे निबटा रहे हैं. वहीं जेई संदीप सौरभ, दो पीटीए एवं 10 पीआरएस में एक भी कार्यालय नहीं पहुंचे थे. जबकि कर्मियों के द्वारा पीओ के संबंध में बताया गया कि वह पंचायत भ्रमण कर लेट-लतीफ आते हैं. इस कार्यालय में अपने कामों का निबटारा करने आये क्षेत्र के कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दो बजे से पहले पीओ कभी अपने कार्यालय नहीं आती हैं .उनसे मुलाकात दो बजे के बाद ही हो सकती है.
अभी 11:15 बजे हैं- यह है बाल विकास परियोजना कार्यालय, जहां से क्षेत्र के 167 आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनीटरिंग की जाती है. मैडम कार्यालय सप्ताह में एक से दो दिन भी आ जाएं तो काफी है. मैडम के कमरे का दरवाजा बंद था. अनुसेवक विवेकानंद सिंह ऑफिस खोल कर बाबू के इंतजार में बैठे थे. वहीं इस कार्यालय में कार्यरत एलएस कुमकुम कुमारी, रीना भारती, कुमारी दीपा, रूबी कुमारी एवं हेड क्लर्क विनोद पासवान, डाटा ऑपरेटर नदारद थे. खाली कुर्सी मुंह चिढ़ा रही थी.
दोपहर के 12:45 बजे- दोपहर के 12:45 बजे हैं. धूप की किरणें धीरे-धीरे पूरे शबाब पर पहुंच चुकी हैं. प्रखंड परिसर गुलजार हो चुका है पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की कुर्सी खाली है. क्षेत्र के बड़ी बलिया उत्तरी की गोधी देवी, गोलो देवी, फूलो देवी, सोनिया देवी, शाहनाज खातून, हजरा खातून, जरीना खातून, खुशबू देवी सहित एक दर्जन महिलाएं लाल कार्ड, पीला कार्ड एवं हरा कार्ड लेकर अपनी फरियाद सुनाने बीडीओ साहब को आयी हैं. लेकिन बीडीओ साहब के कार्यालय में नहीं रहने के कारण इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. फरियाद लेकर पहुंचने वाली महिलाओं का कहना था कि क्षेत्र के डीलरों के द्वारा उन्हें लाल, पीला एवं हरा कार्ड पर केराेसिन नहीं दिया जा रहा है. बीडीओ साहब से डीलर द्वारा तेल नहीं देने की शिकायत करने आये थे लेकिन साहब भी भेंट नहीं हुई. तेल मिलने पर घर रोशन होता था अब तो अंधेरा ही रहेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रखंड के प्रभारी बीडीओ पुरुषोत्तम त्रिवेदी ने दूरभाष पर बताया कि क्षेत्र के लोगों का कार्य सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल है. मैं अभी डंडारी प्रखंड में हूं. दोनों जगह का प्रभार होने के कारण बलिया एवं डंडारी दोनों जगह जाना पड़ता है. उन्होंने कर्मियों की लेट-लतीफी व गायब होने पर कुछ भी बोलने से इन्कार किया. वहीं सीओ विभा रानी ने बताया कि क्षेत्र में जांच के लिए निकली हुई हैं. वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिव शंकर ठाकुर ने बताया कि किसानों के कार्य के निबटारे के लिए डंडारी प्रखंड की राजोपुर पंचायत में गये हैं. अन्य पदाधिकारियों के मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पाने के कारण बात नहीं हो सकी.

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