रजौन : अब तक 30 साल से अधिक उम्र वालों में पथरी के मामले पाये जा रहे थे. लेकिन अब बच्चों को भी पथरी का दर्द सताने लगा है. अगर आप या आपका बच्चा पूरा पेशाब नहीं कर कर पा रहे हैं या फिर पेशाब करते वक्त दर्द से परेशान होता है तो संभल जायें, ये आपके मासूम के पेशाब की थैली में पथरी (स्टोन) हो सकता है. डॉ प्रेम ने कहा कि अगर आपको पेशाब करते वक्त खून आये तो सतर्क हो जायें. यह लक्षण किडनी, पेशाब की थैली या प्रोस्टेट के कैंसर का लक्षण है.
प्रोस्टेट की सर्जरी के लिए आज की तारीख में सबसे मुफीद थुलियम लेजर सर्जरी है. ये बातें रांची के मशहूर यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रेम कुमार ने कहीं. डॉ कुमार ने कहा कि पथरी की बीमारी कम पानी पीने से, खाने में हाइ प्रोटीन लेने व खाने में आॅक्सीलेट फूड (टमाटर, पालक व काजू) ज्यादा लेने से होता है. अगर फल में मौसमी, संतरा, नारियल व नींबू को दैनिक आहार में शामिल कर लें तो किडनी व पेशाब व गाल ब्लैडर की थैली में किडनी होने से रोका जा सकता है. पथरी के मरीज को हर रोज कम से कम चार लीटर पानी पीना चाहिए.