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गायब रहते हैं अधिकारी व कर्मी

लापरवाही . न ही हो रहा पंजीयन और न ही मिल रही युवाओं को जानकारी िजले में युवाओं को कौशल विकास योजना (डीआरसीसी) का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसकी मुख्य वजह है यहां के उद्योग विभाग के अधिकारियों की लापरवाही. विभाग में अफसरों के नहीं आने से युवाओं का न तो पंजीयन हो […]

लापरवाही . न ही हो रहा पंजीयन और न ही मिल रही युवाओं को जानकारी

िजले में युवाओं को कौशल विकास योजना (डीआरसीसी) का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसकी मुख्य वजह है यहां के उद्योग विभाग के अधिकारियों की लापरवाही. विभाग में अफसरों के नहीं आने से युवाओं का न तो पंजीयन हो पा रहा है और न ही उनको अंगरेजी व कंप्यूटर की जानकारी मिल पा रही है. नतीजतन, बेरोजगारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बांका : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बिहार के युवकों को रोजगार देने के लिए नयी-नयी योजनाओं का एलान कर रहे हैं. अपने चुनावी घोषणा पत्र में उन्होंने कौशल विकास योजना के तहत बिहार के लोगों के स्कील का विकास कर उनको कामयाब बनाने की घोषणा की थी. जिसके तहत वह बिहार के युवकों को डीआरसीसी के तहत पंजीयन कराकर उनको अंग्रेजी व कंप्यूटर की जानकारी देना आरंभ किये है. साथ ही उद्योग विभाग के खजाने को भी खोल दिया है ताकि बिहार के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. परंतु बांका उद्योग विभाग स्थानीय युवकों को रोजगार देने में काफी पीछे रह रहा है.
काफी सुविधाएं मिलती है यहां पर
उद्योग विभाग उन नए एवं कार्यरत उद्यमियों के बीच सीधी बातचीत का मंच है. जो उद्योग लगा चुके है, लगा रहे है या लगाना चाहते है. वह इस केंद्र में पहुंच सकते है. यहां वह उद्योग से जुड़ी समस्या, उसके निवारन, नए उद्यमियों के प्रश्नों का हल प्राप्त कर सकते है. उद्योग संवाद का दैनिक निरीक्षण विभाग के प्रधान सचिव करते है.
उद्योग विभाग के पास है कौन कौन सी योजनाएं . नये उद्ययमियों के लिए स्टेट इंवेस्टमेंट प्रमोशन ब्रांड, स्टॉट अॅप बिहार, कार्यरत उद्यमियों के लिए इशू एंड एक्जस्टींग इंटरपेनियोर, इशू बीथ न्यू इंटरपेनियोर, आओ बिहार, लाइसेंस परमिट.
बांका में नहीं मिलती है सुविधा
बांका के बेरोजगारों को उद्योग विभाग से कोई सहायता नहीं मिलती है. जानकारी के अनुसार यहां पर सलाहकार की भूमिका में कोई भी जानकार उपलब्ध नहीं है. जो बेरोजगार यहां अगर सलाह के लिए पहुंचते है तो उसको आज-कल कह कर टाल दिया जाता है. वहीं कई कर्मी व पदाधिकारी भी विभाग से गायब रहते है.
क्या कहते हैं अधिकारी
यहां पर बेरोजगारों को काफी सुविधा दी जाती है. कर्मी की कमी की वजह से थोड़ी परेशानी होती है.
रतन कुमार, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, बांका

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