बौंसी : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद अब प्रखंड एवं ग्रामीण इलाकों की आवोहवा भी बदल गयी है. कल तक जहां शराबियों से घर की महिलाएं परेशान रहा करती थी. वही महिलाएं अब पति के द्वारा शराब छोड़े जाने के बाद खुश नजर आ रही है. महिलाएं बिहार सरकार के इस अभूतपूर्व फैसले से काफी खुश है. प्रखंड के मिश्राचक गांव निवासी जयकांत मिश्र उर्फ बबलू पिछले सात सालों से शराब के इतने आदी हो गये थे कि बगैर शराब के वो रह नहीं पा रहे थे. परंतु शराब बंदी के बाद अब वो पूरी तरह से शराब छोड़ चुके हैं. इनको लोग गांव में मिश्राजी भी बुलाते है. इस परिवर्तन से जहां उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो गया है
वहीं सबसे ज्यादा खुशी उनकी पत्नी सुनीता मिश्रा को है. श्री बबलु ने बताया कि प्रत्येक माह वो करीब 15 हजार रुपये शराब पर खर्च कर देते थे. अबतक करीब पांच लाख रुपये का शराब पी गये है. उनकी पत्नी ने बताया कि शराब की वजह से बीस अप्रैल 15 को सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से जख्मी भी हो गये थे. जिसमें इनके पास से पांच हजार नगद व मोबाईल भी गिर गया इलाज में खर्च हुए सो अलग. दो पुत्र रोहित मिश्रा व रीतेश मिश्रा एवं पुत्री अलका मिश्रा व प्रिया मिश्रा भी शराब की वजह से परेशान रहती थी.
हालांकि फिलहाल ये अपने परिवार के साथ बौसी के थाना कॉलोनी में रहते हैं. पत्नी ने बताया कि शराब की वजह से इनके पॉकेट से पैसा भी लोग निकाल लेते थे. सरकार से इस फैसले से खुश सुनीता का कहना है कि सरकार का यह फैसला हम महिलाओं के हक में आया है. जो हमेशा कारगर रहेगा. मैं सरकार से यह निवेदन करना चाहूंगी कि इस फैसले को कभी हटाये नहीं और बिहार के साथ साथ पूरे देश में शराब बंद होना चाहिए ताकि मेरे जैसा पीडि़त और भी परिवार को इसका लाभ मिल सके.