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पूस की रात, ठंड से परेशान हैं छत विहीन लोग

आवास योजना का पैसा है विभाग के पास बांका : जैसे जैसे पूस की रात चढ़ती जाती है, उसी प्रकार से तापमान का पारा नीचे गिरते जाता है. वैसे पूस की रात में आम लोगों को वैसे आवासन की जरूरत महसूस होती है जहां से ठंड व बर्फिली हवा प्रवेश ना कर सके. काफी गर्म […]

आवास योजना का पैसा है विभाग के पास

बांका : जैसे जैसे पूस की रात चढ़ती जाती है, उसी प्रकार से तापमान का पारा नीचे गिरते जाता है. वैसे पूस की रात में आम लोगों को वैसे आवासन की जरूरत महसूस होती है जहां से ठंड व बर्फिली हवा प्रवेश ना कर सके. काफी गर्म कपड़े रहने के बाद भी अगर ठंड हवा का स्पर्श शरीर से होता रहेगा तो उसकी रात काफी कष्टदायक होती है. ऐसे समय में उनके आवास की जरूरत महसूस होती है. लेकिन कई गरीब है जिनको अपना आशियाना नहीं है. वैसे लोगों के लिए केंद्र सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा आवास निर्माण की योजना लायी गयी है. जिनको सरकार 2 लाख रुपये सहायता राशि के तौर पर मुहैया कराती है. इस योजना के लिए बांका नगर पंचायत में भी 200 लाभुकों के लिए राशि पहुंच गयी है लेकिन आवेदक ही नहीं पहुंच रहे है. इसके पीछे नगर पंचायत की ओर से प्रचार-प्रसार की कमी दिखती है.
22 वार्डों से महज 50 आवास: बांका नगर पंचायत के अधीन 22 वार्ड है. जानकारी के अनुसार नगर पंचायत को 24 वार्डों के लिए 200 लाभुकों के लिए राशि पहुंची है. लेकिन अब तक महज 70 लोगों का ही आवेदन आया है. जिसमें से 50 लाभुकों को नगर पंचायत चिंहित कर प्रथम किस्त की राशि भी मुहैया करा चुकी है. अधिकारियों की माने तो सबसे अधिक वैसे आवेदन पहुंचते है जिस जमीन पर विवाद चल रहा होता है. वैसे में उनको आवास निर्माण हेतु राशि मुहैया नहीं कराया जाता है. कई ऐसे आवेदक पहुंचते है जिनके पास खुद की जमीन नहीं हेाती है.
सड़क किनारे बेघर हैं महादलित: सरकार की महात्वाकांक्षी योजना का लाभ गरीब महादलित को नहीं मिल रहा है. वार्ड नंबर एक में अमरपुर बांका मुख्यमार्ग के समुखिया बाजार के समीप रहने वाले संजय मल्लिक व बालो मल्लिक इस ठंड में भी ठिठुर रहे है. उनका कहना है कि वह अपनी पत्नी क्रमश: इंदू देवी व सुधा देवी व परिवार के साथ पिछले कई वर्षों से रहते है. उनको अपना आवास नहीं है. वह सूप और डलिया का निर्माण कर अपना परिवार पालते है. ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े तक नहीं है.
प्रचार-प्रसार का है अभाव: नपं की जनसंख्या 45977 है. जिसमें 84 प्रतिशत हिंदू व करीब 16 प्रतिशत मुसलिम है. 22 वार्डों में वार्ड आयुक्त भी निर्वाचित है. फिर भी इतने कम आवेदन पहुंचने से लगता है कि लोगों के बीच आवास योजना की जानकारी नहीं है. वैसे वार्ड आयुक्त अपने वार्ड के लोगों को आवास योजना के लिए जागरूक करने में असफल हो रहे है तो उनके सुख-सुविधा की जिम्मेवारी का कितना ख्याल रखते होंगे. अगले वर्ष नगर पंचायत का चुनाव होने वाला है ऐसे में भी अगर वार्ड जागरूक नहीं होंगे तब कब होंगे.
नपं में मिलता है फार्म
आवास निर्माण के लिए यह जरूरी नहीं है कि लाभुक बीपीएल सूची में हो. उस फार्म में वार्ड नंबर, मुहल्ले का नाम, मकान संख्या, परिवारों की संख्या, परिवार के मुखिया का नाम, परिवार में कमाने वाले सदस्य, काम करने का स्थान, बच्चे विद्यालय जाते है या नहीं, आवास से कार्यालय की दूरी, आवास स्थल से विद्यालय की दूरी, आवास स्थल से अस्पताल की दूरी, बीपीएल क्रमांक के अलावे जाति को भरना होता है. इसके अलावे जमीन के कागजात व कर्मी के द्वारा एनओसी की आवश्यकता होती है.
कहते हैं अधिकारी
हमारे पास 200 लाभुकों के लिए राशि मुहैया करायी गयी थी. 50 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि दे दी गयी है. आवेदक की संख्या काफी कम है. आवेदक आयेंगे तो जांच कर उनको लाभ दिया जायेगा.
बी के तरुण, कार्यपालक पदाधिकारी, नपं बांका

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