कटोरिया : शुद्धता व पवित्रता के प्रतीक लोक आस्था का महापर्व शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. शनिवार 5 नवंबर को छठव्रती खरना पूजा करेंगी. जिसमें मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से दूध व अरबा चावल से तैयार प्रसाद तैयार किया जायेगा. खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का निर्जला उपवास भी शुरू हो जायेगा.
6 नवंबर रविवार को अस्ताचलगामी यानि डूबते सूर्य को अर्घदान दिया जायेगा. जबकि चतुर्दिवसीय अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ देने के बाद व्रती महिलाएं पारण कर निर्जला उपवास तोड़ते हुए व्रत का निस्तार करेंगी. शुक्रवार को नहाय-खाय के मौके पर व्रती महिलाओं ने नदी व सरोवरों में स्नान करने के बाद घर में चावल-दाल के अलावा कद्दू की सब्जी का भोजन की. साथ ही इस भोजन को प्रसाद के रूप में पड़ोसी व रिश्तेदारों को भी ग्रहण कराया गया.