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रहें सतर्क: बांका में फिर मिला डेंगू का एक मरीज

बांका : जिले में डेंगू के एक मरीज के मिलने से सनसनी फैल गयी है. पिछले 3 अगस्त को भी बांका प्रखंड के जमुआ पंचायत के गेलनबाड़ी गांव में एक मरीज मिला था. और अब पुन: एक और मरीज मिला है जो रजौन प्रखंड के सिकानपुर गांव के फौदारी पासवान का पुत्र मिथिलेश पासवान है. […]

बांका : जिले में डेंगू के एक मरीज के मिलने से सनसनी फैल गयी है. पिछले 3 अगस्त को भी बांका प्रखंड के जमुआ पंचायत के गेलनबाड़ी गांव में एक मरीज मिला था. और अब पुन: एक और मरीज मिला है जो रजौन प्रखंड के सिकानपुर गांव के फौदारी पासवान का पुत्र मिथिलेश पासवान है. मरीज स्थानीय एक प्राइवेट क्लिनिक पर अपना इलाज करा रहा है. चिकित्सक सुनील कुमार चौधरी ने जब सिमटम देखा तो उन्होंने जांच के आदेश दिये.

जांच रिपोर्ट में उक्त युवक में डेंगू एवं ब्रेन मलेरिया पाया गया. हालांकि उसका प्लेट 64000 है. चिकित्सक की देख रेख में अब भी उक्त युवक है. परिजनों ने बताया कि उक्त युवक पिछले माह दिल्ली गया हुआ था. वहां से बीमार होने के बाद वह 29 अगस्त को अपने घर पहुंचा. बिगड़ती स्थिति को देखकर मंगलवार को उसे बांका के एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया.

चक्कर आने से बेहोश हो जाते हैं मरीज
डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़ी अलग होती है. बुखार बहुत तेज होता है. साथ में कमजोरी हो जाता है. चक्कर आता है, चक्कर आने से लोग बेहोश हो जाते है. ऐसे में मुंह का स्वाद बदलता जाता है और उल्टी भी आती है. सर दर्द, पीठ में दर्द, बदन दर्द भी होता है. कई लोग को त्वचा पर रेसेज भी हो जाता है. अक्सर बुखार होने पर घर पर क्रोसिन जैसी बीमारी से खुद ही अपना इलाज करते है. लेखिन डेंगू बुखार के लक्षण देखने पर थोड़ी देर भी भारी पड़ सकती है. लक्षण दिखने पर तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लें और प्लेटलेट काउंट जांच करावें. डेंगू बुखार पाये जाने के बाद भी कई लोग घर में रह रही अपनी प्लेटलेट काउंट, ब्लड प्रेशर का इलाज कराना पसंद करते हैं. चिकित्सक के अनुसार घर में इलाज करते हुए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए. अगर पानी पीने या कुछ खाने में दिक्कत हो, उल्टी आये तो डीहाइडेशन का खतरा हो जाता है. ये लिवर एन्जइम्स गड़बड़ का सूचक होता है. प्लेटलेट कम होने पर ब्लडप्रेशर का कम होना या हीमाटाइट यानी खुन का धनापन बढ़ने को भी खतरे की घंटी मानना चाहिए. साथ ही अगर खुन आना आरंभ हो जाय तो अस्पताल ले जाना अनिवार्य हो जाता है.
बारिश में और बदलते मौसम में फैलता है बुखार
गरमी के बाद बदलता मौसम, बारिश की बूंदों की आहटें के साथ डेंगू आता है. मानसून के बाद जब मौसम दुवारा करबटे लेता है तो ठंडी हवाएं मिठा चुभन लेकर आता है. बदलते मौसम की इन खुशनुमा घंड़ियों में ही छूपी है कई बीमारीयां. बदलते मौसम में पनपता है एडीज मच्छर जो अपने साथ फैलाता है डेंगू बुखार. यह बुखार इतना खतरनाक होता है कि मरीजों की जान ले लें. गौरतलब है कि यह बुखार बारिश के मौसम में और बदलते मौसम में फैलता है. इस बीमारी के जड़ है एडीज मच्छर. इसी मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. एडीज मच्छर जमे हुए पानी जैसे कुलर में जमा पानी, नालों में सड़ा पानी, सड़क पर जमा पानी आदि में पैदा होता है और बढ़ता है. इस लिए कुलर सहित अन्य स्थानों पर पानी नहीं जमने दें.
बचाव
मच्छरदानी लगा कर सोना
आस पास सफाई रखना
आसपास पानी नहीं जमने देना
आसपास के सभी गड्ढे को बंद रखना
घर के बरतन को उल्टा करके रखना
मच्छर से बचें
खिड़की में जाली लगवायें
अस्पताल में क्या है व्यवस्था
डेंगू मरीज के लिए चार बेड का वार्ड बनाया गया है. जहां पर मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था है. विशेष प्रकार की मच्छरदानी की व्यवस्था है. इसके अलावे प्राथमिक उपचार हेतु किट भी उपलब्ध है.
मरीज का इलाज करते चिकित्सक . । फोटो प्रभात खबर
हमारे यहां हर प्रकार के इंतजाम है. ज्यादा गंभीर मरीज के लिए भागलपुर में विशेष व्यवस्था है. अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए किट भी उपलब्ध है.
सुधीर कुमार महतो, सीएस, बांका

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