अनावृष्टि. अभी तक औसत से 12 प्रतिशत कम हुई है वर्षा
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वर्षा नहीं, खेतों में पड़ने लगी दरारें
अनावृष्टि. अभी तक औसत से 12 प्रतिशत कम हुई है वर्षा बारिश नहीं होने से जिले का किसान परेशान हैं. नहर में पानी नहीं आ रहा. पंप सेट से पटवन करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है. फसल बचाने के लिए किसान कर्ज लेने को मजबूर हैं. बांका : जिला उमस व गरमी से […]
बारिश नहीं होने से जिले का किसान परेशान हैं. नहर में पानी नहीं आ रहा. पंप सेट से पटवन करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है. फसल बचाने के लिए किसान कर्ज लेने को मजबूर हैं.
बांका : जिला उमस व गरमी से परेशान है. वहीं दूसरी ओर यहां वर्षा की स्थिति और भी भयावह है. यहां अभी तक औसत वर्षा से 12 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. इस कारण फुल्लीडुमर प्रखंड के पांच पंचायत उत्तरी कोझी, दक्षिणी कोझी, पथड्डा, कैथा व फुल्लीडुमर पंचायतों में धान की रोपनी भी नहीं हो सकी है. वहीं बांकी प्रखंडों में किसानों ने जैसे-तैसे धान की रोपाई तो की, लेकिन अब फसल को बचाने में उन्हें पसीना आ रहा है. यहां वर्षा नहीं होने के कारण 50 प्रतिशत से अधिक किसानों के धान की खेतों में दरार आ चुकी है. और धान की फसल मरने की कगार पर है.
बांका में मौजूद सिंचाई जलाशयों की स्थिति भी नाजुक है. बदुआ, बेलहरना व चांदन आदि जलाशयों में महज 10 से 15 दिनों तक का ही पानी है. अगर इस दौरान बारिश नहीं होती है तो इन जलाशयों से भी पानी मिलना बंद हो जायेगा. जानकारी के अनुसार बदुआ जलाशय में महज 27 फीट, बेलहरना में 11 फीट व चांदन जलाशय में 25 फीट ही पानी है जो अपने कमांड क्षेत्र में फिलवक्त पानी दे रहा है. इसके अलावा जिले के उच्च भूमि की सभी जमीन वर्षा अधारित है. जहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यहां के किसानों के बीच अपनी फसल बचाने की गहरी चिंता सताने लगी है. राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाले डीजल अनुदान की राशि भी विभिन्न प्रखंडों के किसानों को नहीं मिल पाया है. फिलवक्त किसान नीजी नलकूप से जैसे-तैसे सिंचाई कर फसल को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं.
कहते हैं किसान: जिले के किसानों का कहना है कि धान की रोपनी में ही सारी पूंजी व्यय हो चुकी है. धान बचाने के लिए कर्ज लेना पड रहा है. जिला प्रशासन से सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की है.
जलाशयों में बचा है सिर्फ 10 दिनों का पानी
बारिश नहीं होने से खेतों में आयी दरार.
कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि कृषि टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने लघु सिंचाई प्रमंडल बिज्जी खरबा व बौंसी के कार्यपालक अभियंता को लगातार सभी जलाशयों से किसानों के खेतों में पानी देने का निर्देश दिया है. वहीं कृषि विभाग यहां की स्थिति पर नजर रखी हुई है. वर्षा का इंतजार किया जा रहा है. विभाग जल्द अपनी रिपोर्ट देगा.
रोपाई की स्थिति: जिले की औसत धान रोपाई 92 प्रतिशत है. जिसके अन्तर्गत बांका, चांदन व बाराहाट प्रखंड में -100 प्रतिशत, बेलहर में 93 प्रतिशत, फुल्लीडुमर में 50 प्रतिशत, अमरपुर में 98 प्रतिशत, बौंसी में 91 प्रतिशत, कटोरिया में 95 प्रतिशत, रजौन में 93 प्रतिशत, धोरैया में 94 प्रतिशत तक धान की रोपाई हुई है.
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