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किसानों को अब तक नहीं मिली अनुदान की रािश

कर्ज लेकर गड़वाया बोरिंग, अब महाजन किसानों के घर पर दे रहे हैं दस्तक धोरैया : बाढ़ सुखाड़ से त्रस्त क्षेत्र में सरकार ने किसानों को अनुदान पर लघु सिंचाई योजना के तहत बोरिंग गाड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. धोरैया के सैकड़ों किसानों ने कर्ज लेकर बोरिंग भी गड़वाया, लेकिन अब वे सरकारी अनुदान की […]

कर्ज लेकर गड़वाया बोरिंग, अब महाजन किसानों के घर पर दे रहे हैं दस्तक

धोरैया : बाढ़ सुखाड़ से त्रस्त क्षेत्र में सरकार ने किसानों को अनुदान पर लघु सिंचाई योजना के तहत बोरिंग गाड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. धोरैया के सैकड़ों किसानों ने कर्ज लेकर बोरिंग भी गड़वाया, लेकिन अब वे सरकारी अनुदान की राशि प्राप्त करने के लिये करीब तीन चार महीने से टकटकी लगाये हुए हैं. सरकारी अनुदान के चक्कर में हलकान किसान कभी प्रखंड मुख्यालय तो कभी बीडीओ व अभियंता से दूरभाष पर पूछकर संतोष कर रहे हैं. संपर्क साधने के उपरांत भी अबतक किसान यह आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं कि उन्हें पैसा कब मिलेगा.
कहते हैं किसान
बोरिंग गाड़ कर पैसा का इंतजार कर रहे बटसार के किसान नलिनीकांत झा, इंदूभुषण चौरसिया, शंभु मंडल आदि ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व ही बोरिंग गड़ाकर सारे आवश्यक कागजात व सरकारी नियम को पूरा किया. बावजूद इसके वे सभी अबतक अनुदान राशि से वंचित हैं. सुखाड़ से त्रस्त किसान किसी तरह महाजनों से कर्ज लेकर बोरिंग गड़वाया, अब महाजन किसानों के घर में रोजाना दस्तक दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि ऐसा अनुदान लेने के चक्कर में वे मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं.
किसान सलाहकार निभा रहे बिचौलिये की भूमिका : सूत्रों के अनुसार, प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कार्यरत किसान सलाहकार इस महत्वकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने में बिचौलिये की भूमिका निभा रहे हैं. जबकि पहले से ही कर्ज में डूबे किसानों की यह स्थिति नहीं है कि अनुदान राशि के लिये अब वे अपने पॉकेट से कुछ भी निकाल सकें.
कहती हैं प्रखंड प्रमुख
प्रखंड प्रमुख बीबी हाजरा खातून ने कहा कि धोरैया के किसानों की हालत काफी दयनीय है. अविलंब सुखाड़ क्षेत्र घोषित होना चाहिये. बोरिंग गड़ाने वाले किसानों की अनदेखी बरदाश्त नहीं की जायेगी. बिचौलियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध रिपोर्ट करेंगे़.
कहते हैं अभियंता
लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता वरुण विक्रम ने कहा कि धोरैया प्रखंड के कुल 373 किसानों को स्वीकृति पत्र दिया गया है. बोरिंग गाड़ने वाले किसानों की जांच उनके खेतों पर पहुंच कर की जा रही है. सूची तैयार कर विभाग को भेजा जायेगा. जल्द ही उन्हें अनुदान राशि मुहैया करायी जायेगी.

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