बांका : बांका जंकशन अब वाकई जंकशन की तरह लग रहा है. इस जंकशन से होकर रोज आधी दर्जन ट्रेनें आ जा रही हैं. यह बांका वासियों के लिए गौरव का क्षण है. यहां के लोगों में इस बात की खुशी है कि अब उन्हें सुलभ ट्रेन यात्रा की सुविधा उपलब्ध है. जर्जर बसों और सवारी वाहनों में ठेला ठेली के बीच उन्हें कष्टकारी यात्रा के पुराने कड़वे अनुभवों से मुक्ति मिली है. लोगों की त्रासदी यह भी थी कि इस जिले से होकर गुजरने वाली प्रायः
सभी प्रमुख सड़कों की स्थिति बेहद जर्जर और खतरनाक बनी हुई है. इन सड़कों से होकर वाहनों पर चलना किसी खतरे को निमंत्रण देने से कम नहीं. लेकिन श्रावणी मेला के बहाने ही सही लंबी दूरी की एक ट्रेन बांका जंकशन से होकर गुजर रही है. गोरखपुर-देवघर एक्सप्रेस के बांका होकर परिचालन से इस जिले के रेल यातायात को एक नया आयाम मिला है. इधर सुल्तानगंज- देवघर पैसेंजर ट्रेन की आवाजाही से भी लोगों को बड़ी राहत मिली है. बांका जंकशन पर ट्रेनों के परिचालन की वजह से दिन भर यात्रियों का आना जाना,
दुकानदारी और रिक्शा ऑटो आदि का पड़ाव बांका जंकशन की रौनक बढ़ा रहा है. पहले बांका जंकशन पर लगे बुक स्टॉल या चाय पान और नाश्ते की दुकानों में इक्के दुक्के ही ग्राहक पहुंचते थे. उनका कारोबार सुबह बांका- राजेंद्रनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस के प्रस्थान तथा करीब 10:30 बजे बांका भागलपुर पैसेंजर ट्रेन के यहां से जाने तक ही था. अब यह दृश्य बदल चुका है. बांका जंकशन पर दिनभर चहल पहल रहती है.
इससे इन दुकानदारों के चेहरे की भी रौनक बढ़ गयी है. शहर में चलने वाले ऑटो तथा रिक्शा की भी मांग काफी बढ़ गयी है. ट्रेनों के आने जाने की वजह से जंकशन परिसर में दिनभर रिक्शा और ऑटो की आवाजाही लगी रहती है. बड़ी संख्या में ऑटो तथा रिक्शा लगाकर चालक आने वाली ट्रेन से उतरनेवाले पैसेंजर्स की प्रतीक्षा करते हैं. बांका जंकशन से ट्रेनों का परिचालन न सिर्फ यात्रियों को सुविधाएं दे रहा है बल्कि कई हाथों को इससे रोजगार भी मिला है. बांका के लिए यह एक सकारात्मक पहलू है.