खुशखबरी. लाइफ स्टाइल व वृद्धावस्था के रोगों का होगा इलाज
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बांका में खुलेगा एनसीडी व जेरियेटिक रोग अस्पताल
खुशखबरी. लाइफ स्टाइल व वृद्धावस्था के रोगों का होगा इलाज मनोचिकित्सा वार्ड तथा नशा मुक्ति केंद्र के बाद अब यहां गैर संचारी रोग (एनसीडी) एवं जेरियेटिक रोग निवारण केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसके लिए 80 लाख रुपये की आरंभिक राशि भी जारी कर दी है. बांका : बांका सदर अस्पताल में जारी […]
मनोचिकित्सा वार्ड तथा नशा मुक्ति केंद्र के बाद अब यहां गैर संचारी रोग (एनसीडी) एवं जेरियेटिक रोग निवारण केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसके लिए 80 लाख रुपये की आरंभिक राशि भी जारी कर दी है.
बांका : बांका सदर अस्पताल में जारी सेवाओं के विस्तार में शीघ्र ही एक और महत्वपूर्ण आयाम जुड़ने जा रहा है. मनोचिकित्सा वार्ड तथा नशा मुक्ति केंद्र के बाद अब यहां गैर संचारी रोग (एनसीडी) एवं जेरियेटिक रोग निवारण केंद्र की स्थापना की जा रही है. इस केंद्र की स्थापना को लेकर विभाग ने बजट को मंजूरी देते हुए इसके लिए 80 लाख रुपये की आरंभिक राशि भी जारी कर दी है. केंद्र की स्थापना के लिए विभाग के राज्य मुख्यालय से आवश्यक दिशा
निर्देश तथा प्रस्तावित रूप रेखा की प्रतिक्षा की जा रही है. राज्य से दिशा निर्देश एवं निर्धारित रूप रेखा प्राप्त होते ही योजना के क्रियान्वयन पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह योजना इसी चालू वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है. अब तक विभाग मातृ व शिशु रोग तथा कुष्ठ, टीवी, फाइलेरिया तथा मलेरिया आदि रोगों के ईलाज और रोकथाम की दिशा में ही सक्रिय था. लेकिन आधुनिक जीवन शैली की वजह से उत्पन्न होने वाले रोगों
और समस्याओं के प्रति पहली बार राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पहल कर यहां स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ने की कोशिश शुरू की है.
क्या हैं गैर संचारी रोग : कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियो वैस्कुलर रोग, मधुमेह आदि जैसी बीमारियां जो किसी भी तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित नहीं होती. इन्हें तकनीकी भाषा में लाइफ स्टाइल बीमारियां भी कहते हैं. आज की जीवनशैली की वजह से इनमें से कई बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. पहले इन बीमारियों से लड़ने के लिए मरीजों को बड़े शहरों और बड़े अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता था. लेकिन पहली बार राज्य सरकार ने बांका जैसे शहर में इस तरह की सुविधा का प्रस्ताव कर स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में एक नई पहल की है.
होगा जेरियेटिक रोगों का भी इलाज : लाइफ स्टाइल अर्थात गैर संचारी रोगों के अलावा प्रस्तावित केंद्र में जेरियेटिक यानी वृद्धावस्था में आम तौर पर होने वाली शारीरिक परेशानियों और बीमारियों कि चिकित्सा के लिए भी विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे. विभागीय उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक राज्य में यह पहला मौका है जब वृद्धों की आम बीमारियों को इलाज के लिए सरकार ने संज्ञान में लिया है. इन बीमारियों में वे लक्षण शामिल है जो एक व्यक्ति के औसत वृद्धावस्था आयु के बाद सामान्य रूप से परिलक्षित होने लगते हैं.
खुलेगा अलग विभाग
हालांकि इस योजना का क्रियान्वयन सदर अस्पताल परिसर में ही होना है लेकिन इसके लिए न सिर्फ अलग विभाग खुलेगा बल्कि बुनियादी ढांचा भी इसके लिए अलग से तैयार किया जायेगा. गैर संचारी रोग केंद्र में इंडोर और आउट डोर दोनों तरह की सुविधा मरीजों को प्राप्त होगी. इसके लिए 20 बेड के पृथक वार्ड का निर्माण किया जाना भी योजना में शामिल हैं. गैर संचारी रोग संस्थान के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति अलग से की जायेगी.
यह संस्थान आधुनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा उपकरणों तथा संसाधनों से लैस होगा. योजना के क्रियान्वयन के लिए बजटीय प्रावधान के तहत 80 लाख के आरंभिक राशि बांका जिला स्वास्थ्य समिति को आवंटित किया जा चुका है. दरअसल इस योजना का क्रियान्वयन विगत वित्तीय वर्ष में ही किये जाने का लक्ष्य था. लेकिन इसके लिए ढांचागत रूप रेखा एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त नहीं होने की वजह से योजना को पूरा करने का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष में रखा गया है.
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