बांका : एक तरफ सरकार अस्पतालों को दुरुस्त करने को लेकर हर दिन नयी-नयी योजनाओं पर काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर मरीजों तक पहुंचते-पहुंचते योजनाएं टूटने लगती है. स्थिति यह है कि जिले भर में एक मात्र बड़े अस्पताल बांका सदर अस्पताल में हर माह लाखों रूपये खर्च किये जाते हैं, बावजूद इसका पूरा लाभ यहां के मरीजों को नहीं मिल पाता है. अलग बात है कि इतना कुछ होने के बाद भी यही अस्पताल है
जो यहां आने वाले मरीजों की जान भी बचाता है. लेकिन ऐसी कई सुविधाएं हैं जो मरीजों को सही तरह से नहीं मिल पाते है. इतना बड़ा अस्पताल होने के बावजूद अस्पताल पहुंचने वाले लोगों को पीने का पानी के लिए बाहर के दुकान व चापाकल पर दौड़ लगानी पड़ती है तभी मरीज को पीने तक का पानी उपलब्ध होता पाता है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल में पानी की सुविधा को लेकर एक हजार लीटर का एक एवं पांच हजार लीटर क्षमता वाली एक टंकी लगायी गयी है. लेकिन एक भी नल मरीज के रूम व आस-पास में नहीं दिया गया. इस टंकी का पाईप केवल शौचालय तक पहुंचाया गया है. इसके अलावे अस्पताल के मुख्य गेट से लेकर किसी भी जगह में नही लगाया गया है.