कटोरिया/ जयपुर : भारत देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने में महती भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी परशुराम सिंह का गांव बसमत्ता आज भी विभिन्न समस्याओं की जंजीरों से जकड़ा हुआ है. आजादी के 69 सालों बाद भी यह गांव बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. जमदाहा मोड़ पर दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी परशुराम सिंह की महज स्मारक बनाकर सरकार और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें जैसे भूला दिया है.
उक्त स्मारक पर गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन कर एवं 23 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथी मना कर जैसे औपचारिकता पूरी कर दी जाती है. दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र सह समाजसेवी गोपाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार को किसी भी प्रकार की कोई सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हो रही.