28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जलता रहे शिक्षा का दीप

सच्चा दोस्त, मां तेरे बिना, फर्ज आदि नाटकों का हुआ मंचन कटोरिया : आज के दौर में जहां शिक्षा ने व्यवसाय का रूप ले लिया है. वहीं सच्चे साधक की तरह शिक्षा का प्रचार करने की जो साधना मुक्ति निकेतन के संस्थापक अनिरुद्ध प्रसाद सिंह कर रहे हैं, वह सराहनीय है. समाज को विकसित व […]

सच्चा दोस्त, मां तेरे बिना, फर्ज आदि नाटकों का हुआ मंचन

कटोरिया : आज के दौर में जहां शिक्षा ने व्यवसाय का रूप ले लिया है. वहीं सच्चे साधक की तरह शिक्षा का प्रचार करने की जो साधना मुक्ति निकेतन के संस्थापक अनिरुद्ध प्रसाद सिंह कर रहे हैं, वह सराहनीय है. समाज को विकसित व साक्षर करने की दिशा में जनमानस को आगे बढ़ाना मात्र जिनका कर्तव्य है, मैं उनको नमन करती हूं.
उक्त बातें स्वयं सेवी संस्था मुक्ति निकेतन के 32वां त्रिदिवसीय संस्थापना समारोह के प्रथम दिन के सांध्यकालीन सत्र का शुभारंभ करते हुए भाजपा नेत्री सह पूर्व सांसद पुतुल कुमारी ने कही. उन्होंने कहा कि हम भी मुक्ति निकेतन के इस मुहिम से जुड़ना चाहते हैं. शिक्षा का दीपक हमेशा जलाये रखें. इसके लौ को जलाये रखें. हम सभी आपके साथ हैं.
शिक्षा का यह दीप सदा जलता रहे. इसके बाद पूर्व सांसद के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह एवं चंदन सिंह को मुक्ति निकेतन परिवार द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर संस्था के संरक्षक अनिरूद्ध प्रसाद सिंह, सचिव चिरंजीव सिंह, विक्रमप्रताप सिंह, मिथलेश सिंह, चंद्रभूषण सिंह, सिंधु प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, सुधीर सिंह, डा संजय पंकज, पिंकी दीदी, चंदन गुप्ता आदि उपस्थित थे. सांध्यकालीन सत्र में स्वागत गीत, दीप गीत, देशभक्ति गीत, भजन, कथक नृत्य, कव्वाली, नाटक समूह गीत व नृत्य आदि की प्रस्तुति की गयी.
शिक्षा का उद्देश्य हो सच्चे मनुष्य का निर्माण : डॉ रामजी
जिस तरह मां के दूध का विकल्प नहीं होता, उसी तरह से मातृभाषा का विकल्प नहीं. शिक्षा चरित्र की होनी चाहिए. शिक्षा का उद्देश्य ही सच्चे मनुष्य का निर्माण है. उक्त बातें बुधवार को पूर्व सांसद सह प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक डॉ रामजी सिंह ने मुक्ति निकेतन के संस्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन के सत्र में अपने संबोधन में कही.
उन्होंने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा में नचिकेता, प्रह्लाद और ध्रुव ऐसे शिक्षार्थी के रूप में हमारे सामने हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संपन्न हैं. शिक्षा मनुष्य को श्रेष्ठ, त्यागी और सत्यसंधानी बनाती है. आदमी के विचार, संस्कार, भावना, इच्छा सबको शिक्षा संवारती है.
मुक्ति निकेतन का उद्येश्य सही शिक्षा देते हुए चरित्र निर्माण है. आज देश के लिए सबसे जरूरी है, अच्छी शिक्षा व देश की शिक्षा. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव चिरंजीव सिंह, चेतना विकास देवघर के रंजन भाई एवं समाजसेवी श्याम केशरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
समारोह का संचालन संस्था के संरक्षक अनिरूद्ध प्रसाद सिंह ने किया. कार्यक्रम में प्रतिभा भास्कर, मां शारदा आर्टिस्ट ग्रुप, मुक्ति निकेतन घोघा, नव संचेतन मुजफ्फरपुर, आंबेडकर बालिका उच्च विद्यालय आदि के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गयी. नाटककार अश्विनी सिंह के निर्देशन में सच्चा दोस्त, मां तेरे बिना, फर्ज आदि नाटकों का भी मंचन हुआ.
इसमें कलाकार सौरव, प्रकाश, राजेश्वरी, अंकिता, पल्लवी, गायत्री, विजय, प्रहलाद, प्रकाश, पप्पू, मुन्ना, रितिक, रुक्मिणी, लकी आदि ने अहम भूमिका निभायी. कार्यक्रम के दौरान सचिव चिरंजीव सिंह द्वारा प्रस्तुत दहेज गीत ‘रोज–रोज मनमा में उठेला दरदिया’ भी काफी सराहनीय रही.
इस मौके पर कवि डा संजय पंकज, सेवा भारती के सुधीर सिंह, रंजन भाई, श्रीकांत कुमार, पूर्व मुखिया अशर्फी यादव, चंद्रभूषण सिंह, जवाहर सिंह, अजय कुमार, विजय कुमार, विजय वर्णवाल, मोहन पांडेय, बिजेंद्र सिंह, पिंकी दीदी, सविता कुमारी, रेणु सिंह आदि उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें