फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण पर उठ रहे सवाल
बांका : बाराहाट के बभनगामा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कराये गये काम में मजदूरों का फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे की निकासी का मामला जिप की बैठक में जोर-शोर से उठा था. एक वर्ष पूर्व फुल्लीडूमर के जिप सदस्य राजेश कुमार सिंह के द्वारा सदन को अवगत कराया कि उपाध्यक्ष द्वारा बाराहाट के कार्यक्रम पदाधिकारी को मनरेगा योजना के मजदूरी भुगतान में अनियमितता के लिए जांच कर दोषी पर कार्रवाई के लिए लिखा गया था. तत्कालीन डीडीसी के द्वारा जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. अब तक क्या कार्रवाई हुई. इससे संबंधित शिकायतकर्ता को अवगत नहीं कराया गया. क्लीन चिट दिये जाने के मामले प्रकाश में आ रहे है.
मगर पंचायत में पायी गयी अनियमितता पर पंचायत रोजगार सेवक एवं पंचायत तकनीकी सहायक से स्पष्टीकरण जरूर पूछा गया था. जिस पर आगे की कार्रवाई पर भी जानकारी नहीं दी गयी है.
ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ था मामला उजागर
जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह ने कहा कि बभनगामा गांव के ग्रामीण द्वारा उन्हें लिखित आवेदन दिया गया था कि पंचायत में गलत नाम से जॉब कार्ड बनवा कर भुगतान व निकासी की गयी. कर्मचारी व प्रतिनिधि के द्वारा गांव के गलत व्यक्ति के नाम से खाता खोला गया एवं भुगतान किया गया.
जिसकी जानकारी मनरेगा डॉट कॉम से प्राप्त हुआ. जिसके नाम से निकासी हुआ उस नाम का व्यक्ति गांव में नहीं है. जिसका पेज नंबर 39,1211,1011, क्रमांक 1012 से 1044 तक सारा जिक्र है. इसकी शिकायत ग्रामीण द्वारा डीएम से भी की गयी थी.
नाम को बताया गया फर्जी
सिंधन दास, अधिक पंजियारा, शंभु दास, चांदनी देवी, खुशबू देवी, बबिता देवी, पिंकु देवी, पूजा देवी, सुजाता देवी, रंगलाल दास,,शहरी दास, मुठो दास, भुवनेश्वर दास, मनोज दास, जंबो दास, पप्पु दास, महेंद्र दास, कैलाश दास, रामेश्वर दास, गौरी दास, भूसा दास, बुफाली दास, माधो दास सहित कई लोग गांव में नहीं है.
जिसके हस्ताक्षर कर उनके नाम से पैसे का बंदरबांट हुआ. जिसका आरोप ग्रामीणों के द्वारा लगाया एवं इसके मनरेगा साइट पर उपलब्ध होने की बात कही गयी. जिसे लेकर उपाध्यक्ष नीलम सिंह ने डीडीसी से जांच व कार्रवाई की रिपोर्ट से अवगत कराये जाने के लिए पत्र लिखा है.