बांका : बांका नगर पंचायत कुछ दिन के बाद नगर परिषद में तब्दील हो जायेगा. सुविधाएं बढ़ेंगी और कर्मी भी, फंड में भी इजाफा होगा, लेकिन इस वक्त प्रधानमंत्री के उस सपने को ठेस लग रही है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत की परिकल्पना कर रहे हैं.
बांका नगर पंचायत में दो दर्जन के आसपास वार्ड हैं, लेकिन एक भी ऐसा वार्ड नहीं है, जहां गंदगी नहीं पसरी हो. जिले की मुख्य सड़क हो या फिर गली, सभी स्थानों पर गंदगी पसरी है. हमें भी लानी होगी जागरूकताशहर के जागरूक नागरिक अब तक अपने आसपास साफ सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. अपने घरों की सफाई तो वह कर लेते है, लेकिन घरों से निकली गंदगी को सड़कों के किनारे फेंक देते हैं. ऐसे में शहर कभी भी साफ नहीं रह सकता है. लोगों को थोड़ा और जागरूक होने की जरूरत है,
ताकि नगर पंचायत के काम थोड़े कम हो सकें. सफाई कर्मी भी हों जागरूकअगर शहर को साफ रखना है तो आम लोगों के साथ-साथ नगर पंचायत के सफाई कर्मी को भी जागरूक होना पड़ेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अगर सप्ताह में चार घंटे भी मेहनत करें तो शहर चकचका जाये. कहते हैं अधिकारी शहर की सफाई की जाती है.
हालांकि कर्मचारियों की कमी के कारण थोड़ी परेशानी होती है. फिर भी शहर को साफ रखने का प्रयास किया जाता है. बीके तरुण, कार्यपालक अधिकारी, नगर पंचायत