35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अज्ञात बीमारी से चार की मौत, मातम में मंझियारा गांव

अज्ञात बीमारी से चार की मौत, मातम में मंझियारा गांव फोटो 29 बांका 3 केवल मृतक के परिजन ही शव यात्रा में हो रहे हैं शामिल, 4 सूनी मंझियारा गांव की गली, 5 अपने घर के समीप चर्चा करते ग्रामीण, 6 से 12 तक ग्रामीण की तसवीर – बीमारी से ग्रामीणों में भय का माहौल […]

अज्ञात बीमारी से चार की मौत, मातम में मंझियारा गांव फोटो 29 बांका 3 केवल मृतक के परिजन ही शव यात्रा में हो रहे हैं शामिल, 4 सूनी मंझियारा गांव की गली, 5 अपने घर के समीप चर्चा करते ग्रामीण, 6 से 12 तक ग्रामीण की तसवीर – बीमारी से ग्रामीणों में भय का माहौल – मृतक के घर जाने से डरते हैं ग्रामीण – अपने बच्चे को गांव से बाहर भेजने की तैयारी में ग्रामीण – समय से पहले ही घर दुबक जाते हैं लोग – गांव में हो रही तरह-तरह की चर्चा – बीमारी से बचने के लिए लोग देवी-देवता व झाड़-फूंक का ले रहे सहारा चंदन कुमार, बांकाजिला मुख्यालय से महज छह किलोमीटर दूर स्थित करमा पंचायत अंतर्गत मंझियारा गांव में एक सप्ताह के अंदर अज्ञात बीमारी से चार की मौत हो गयी. इसमें तीन बच्चा व एक अधेड़ है. घटना को लेकर गांव में मातम का माहौल है. लोग एक-दूसरे के घर जाने से डर रहे हैं. समय से पहले ही लोग अपने घरों में बंद हो जा रहे हैं. अभिभावक अपने बच्चे को घर से निकलने नहीं दे रहे. सोमवार से रविवार तक गांव में चार की मौत हो चुकी है. लगातार हो रही मौत से ग्रामीण भयभीत हैं. एक सप्ताह के अंदर किस कारण किसकी हुई मौत सोमवार को करीब 45 वर्षीय श्याम ठाकुर को अचानक पेट में दर्द होने लगा. इसके बाद परिजनों ने इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, पर रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी. दो दिन के बाद नवीन यादव के एक वर्षीय नाती एनके यादव को पेट में दर्द हुआ. इसके बाद परिजन उसे बांका से भागलपुर इलाज के लिए ले गये, पर भागलपुर में उसकी मौत हो गयी. बिक्की बगबै की एक वर्षीय पुत्री लक्ष्मी कुमारी का पेट खराब हुआ, इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गयी. शनिवार की देर शाम उमाकांत साह की 10 वर्षीय पुत्री श्वेता कुमारी घर में पढ़ रही थी. इसी दौरान बेचैनी के साथ पेट में दर्द शुरू हो गया. बच्ची को परेशान देख कर परिजन उसे इलाज के लिए बांका ले जाने लगे, पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. ग्रामीणों के चंदा से हुआ अंतिम संस्कार ग्रामीण राजीव कुमार शर्मा, सुबोध मांझी, कुलदीप यादव, गोपाल दत्ता, राजकुमार, शेखर महतो ने बताया कि इस घटना को लेकर डर से हम लोग अपने बच्चे को घर से निकलने नहीं दे रहे हैं. अपने बच्चे को रिश्तेदार के घर पर पहुंचा दे रहे हैं. इस घटना में अब तक जिसकी मौत हुई है, वो गरीब तबके के हैं. किसी तरह से अपना परिवार चला रहे हैं. कई परिजनों के पास शव का अंतिम संस्कार के लिए रुपये नहीं था. ग्रामीणों द्वारा चंदा कर अंतिम संस्कार कराया गया. गलियों में तरह-तरह की चर्चा घटना को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. अचानक हो रही मौत के बाद लोगों में डर का माहौल है. तरह-तरह की चर्चा हो रही है. कोई लोग इसे अज्ञात बीमारी बता रहा है, तो कई लोग देवी-देवता व जादू टोना की बात कर रहे हैं. इससे बचने के लिए लोग चंदा कर झाड़-फूंक के लिए ओझा-गुणी का भी सहारा ले रहे हैं. बाहर से ओझा गांव आकर झाड़-फूंक कर रहे हैं. रविवार की देर शाम में भी गांव में ओझा को बुला कर झाड़ फूंक करवाया जा रहा था. केवल परिजनों ही शव यात्रा में हो रहे शामिल बीमारी को लेकर ग्रामीणों में इतना डर पैदा हो गया है कि वो मृतक के घर शव को देखने तक नहीं जा रहे हैं. मौत की खबर सुन कर लोग अपने घर से बाहर निकलने को भी तैयार नहीं होते हैं. मृतक के परिजनों को खुद शव को कंधा पर लेकर श्मशान घाट तक जाना पड़ रहा है. मालूम हो कि इस तरह हो रही मौत से जहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं ग्रामीण भय में हैं. रविवार को उमाकांत साह ने अंतिम संस्कार के लिए अपने कंधे पर पुत्री का शव लेकर जा रहे थे. वे विलाप करते हुए जा लक्ष्मी गलती माफ करिहो कह रहे थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें