प्रतिनिधि : धोरैया विधानसभा चुनाव को लेकर जहां पूरे बिहार का राजनीतिक तापमान सिर चढ़कर बोल रहा है, वहीं धोरैया विधानसभा क्षेत्र में भी राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गयी है़ इस बीच आम जनता भी मजे लेने में पीछे नहीं है़ नेताओं के स्वागत के लिए गांवों में तैयारियां प्रारंभ हो गयी है़ नेताओं का […]
प्रतिनिधि : धोरैया विधानसभा चुनाव को लेकर जहां पूरे बिहार का राजनीतिक तापमान सिर चढ़कर बोल रहा है,
वहीं धोरैया विधानसभा क्षेत्र में भी राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गयी है़ इस बीच आम जनता भी मजे लेने में पीछे नहीं है़ नेताओं के स्वागत के लिए गांवों में तैयारियां प्रारंभ हो गयी है़
नेताओं का स्वागत आमजनता सवालों से करेंगे़ ऐसे में धोरैया विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में एक बार फिर नवादा को प्रखंड बनाये जाने का मुद्दा यहां असरदार होगा़
जिले के धोरैया विधानसभा क्षेत्र के रजौन प्रखंड के नवादा क्षेत्र की एक बड़ी आबादी करीब दो दशकों से छली जा रही है़ इसकी कसक यहां के लोगों में है़ सिर्फ बोट बटोर कर चले गये नवादा को प्रखंड का दर्जा दिये जाने की घोषणा कई नेता सार्वजनिक रूप से सभाओं में कर चुके हैं.
पहली मर्तबा नवादा को प्रखंड का दर्जा दिये जाने की घोषणा राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 1992 में रजौन के एक कार्यक्र म की सभा में की थी़ फिर उन्होंने वर्ष 1993 में झारखंड स्वायत्त परिषद के तत्कालीन उपाध्यक्ष व क्षेत्रीय सांसद सूरज मंडल की उपस्थिति में लालू प्रसाद ने नवादा को प्रखंड बनाये जाने की घोषणा की थी़ वर्ष 2000 व 2005 की एक सभा में रजौन में मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी प्रखंड का दर्जा दिये जाने की बात पर लोगों से खूब तालियां बटोरी थी,
लेकिन इन सारी घोषणाओं का कोई असर नहीं हुआ़
इतना ही नहीं दो बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सह क्षेत्रीय सांसद के हैसियत से सुशील कुमार मोदी ने भी नवादा को प्रखंड बनाये जाने का वायदा इस क्षेत्र के लोगों के साथ किया था़ बावजूद इसके आजतक इन घोषणाओं पर कोई अमल नहीं किया गया़ जिसका हिसाब इस बार के चुनाव में नवादा की जनता राजनेताओं से लेंगे़
विदित हो कि भागलपुर जिले की सीमा से सटा नवादा क्षेत्र अतिपिछड़ा इलाका है और यहां खाद्यान्न की मंडी है़ यहां से तैयार चावल व चूड़ा पश्चिम बंगाल व झारखंड राज्य में जाता है़