बांका: प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ने वाले अधिकांश स्कूलों में शिक्षा के नाम पर सिर्फ राशि की लूट की जा रही है. इसका कारण या तो इन विद्यालयों में ऊंचे ओहदा रखने वाले के संबंधी शिक्षक पद पर कार्यरत हैं या फिर नजदीकी जनप्रतिनिधि का हाथ उनके सर पर है. सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है.
इसका लाभ लेते हुए विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चे अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करा सकें. बावजूद इसके विभाग की उदासीनता एवं शिक्षकों की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्र के शंकरपुर, निमियां, भलुआ दमगी, लहरलंगी सहित अन्य सरकारी विद्यालयों का हाल बूरा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति मनमाने तरीके से होती है. कोई भी शिक्षक समयानुसार अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराते है. पठन-पाठन भी भगवान भरोसे चलती है. वहीं मध्याह्न् भोजन में भी काफी अनियमितता बरती जाती है. छात्रवृति योजना में भी काफी अनियमितता बरती गयी है.
बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत दर्शाते हुए इस योजना की राशि का बंदर बांट किया गया है. इन स्कूलों का निरीक्षण करने में विभागीय पदाधिकारी भी कतराते हैं. इसका कारण है कि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिका जिला शिक्षक संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य को झांसा देकर मनमाने तरीके से विद्यालय का संचालन करते है. वहीं ग्रामीणों द्वारा दिये गये आवेदन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. डीइओ ज्योति कुमार के कार्यकाल में दिये गये आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हुए मामले की लीपापोती कर दी गयी है.