जब उसके परिजन घर से पहुंचे तब उनको खाना नसीब हो सका. अस्पताल में खान-पान की व्यवस्था नदारद है. देर रात पहुंची जिप उपाध्यक्ष ने अपनी आंखों से देखा कई बीमार महिलाएं गंदे बेड पर पड़ी कराह रही हैं. कहने को चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात थे. लेकिन मौजूदा वक्त पर वहां कोई नहीं मिला. हालांकि अस्पताल प्रशासन हर बार कहता फिरता है कि यहां हर रोज बेड पर निर्धारित रंग का चादर डाला जाता है. कई महिलाओं को प्रसव के बाद उसके नवजात के संग फर्श पर लिटा दिया गया था, जिसकी सुधी लेने वाला कोई नहीं था. यहां बता दें कि जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह अस्पताल से देर रात एक प्रसव पीड़ित महिला के फोन पर अस्पताल पहुंची थीं. पूरे मामले पर जब उन्होंने अस्पताल के प्रभारी डॉ पीके झा से उनके सरकारी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो उनका स्विच ऑफ मिला. इस दौरान अफरा-तफरी में वहां तैनात कर्मियों की जब नींद टूटी तब उस महिला को मदद मिली.
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रोग से नहीं, अस्पताल से लगता है डर
बाराहाट: हाल के दिनों में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद क्रिकेट की दुनिया में इंटरनेट पर वायरल संदेश गोली से नहीं विराट से डर लगता है. बाराहाट अस्पताल पर फिट बैठ रहा है. यहां इलाज के लिए आये मरीजों ने जिप उपाध्यक्ष के सामने जो बात कही वह शायद विभाग की आंख खोल […]
बाराहाट: हाल के दिनों में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद क्रिकेट की दुनिया में इंटरनेट पर वायरल संदेश गोली से नहीं विराट से डर लगता है. बाराहाट अस्पताल पर फिट बैठ रहा है.
यहां इलाज के लिए आये मरीजों ने जिप उपाध्यक्ष के सामने जो बात कही वह शायद विभाग की आंख खोल सके. बीती देर रात तकरीबन डेढ़ बजे जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह के सामने अस्पताल में मौजूद मरीजों ने जो बयान किया वह बीमार व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी था. चिकित्सक और व्यवस्था से खिन्न मरीजों ने कहा मैडम हमें रोग से नहीं इस अस्पताल से डर लगने लगा है.पूरे दिन अस्पताल से मिलने वाले भोजन की आस लगाये बैठी चंपा देवी माणिकपुर, कंचन देवी चेचरा और समरी देवी जोगडीहा को देर शाम तक प्रसव के दर्द के साथ भूखे रहना पड़ा.
कहते हैं सीएस
इस पूरे मामले पर सीएस बांका केपी सिंह का कहना था की ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक की लापरवाही किसी भी स्थिति में मान्य नहीं है. नवजात के साथ महिला मरीज के फर्श पर होने की बाबत उनकी दलील थी. सरकार के टारगेट को पूरा करने के लिए अधिक संख्या में ऑपरेशन करने के कारण बेड की कमी हो जाने से ऐसी स्थिति आती है. लेकिन इस बीच नवजात की देखभाल चिकित्सक करते हैं. इन सबके बीच उन्होंने माना कि नवजात को फर्श पर रखना आदर्श स्थिति नहीं है. उन्होंने पूरे मामले पर बाराहाट प्रभारी से संपर्क करने की बात कही.
कहती हैं जिप उपाध्यक्ष
इस मामले पर जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह का कहना था कि बाराहाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पूरी तरह से यहां तैनात कर्मियों के कारण चौपट हो रही है. चिकित्सा के नाम पर लूट का साम्राज्य स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने अपनी आंखों देखी मरीजों की स्थिति के बारे में आगामी तीन मार्च को होने वाली जिला पार्षद की बैठक में मामला उठाने की बात कही.
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